राज्य सरकार की नीतियों से छोटे समाचार पत्र क्यों हैं वंचित ? प्रदीप कुलकर्णी का सरकार से सवाल

राज्य सरकार की नीतियों से छोटे समाचार पत्र क्यों हैं वंचित ? प्रदीप कुलकर्णी का सरकार से सवाल

राज्य सरकार की नीतियों से छोटे समाचार पत्र क्यों हैं वंचित ? प्रदीप कुलकर्णी का सरकार से सवाल

राज्य सरकार की नीतियों से छोटे समाचार पत्र क्यों हैं वंचित ? प्रदीप कुलकर्णी का सरकार से सवाल

माजलगांव, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र राज्य की ओर से आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर विज्ञापन चल रह हैं। हालाँकि जो अखबार सरकार की अच्छी खबरें और उसकी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करते हैं उनकी तरफ सरकार आंखें मूंद रही है व विज्ञापनों के वितरण के संबंध में छोटे अखबारों के साथ अन्याय किया जा रहा है यह भावना छोटे अखबारों के सभी संपादकों में है।

राज्य सरकार को राज्य के छोटे समाचार पत्रों के साथ अन्याय न करते हुए उन्हें भी विशेष प्रचार अभियान के विज्ञापन दिए जाने चाहिए। यह मांग एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूज पेपर ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र राज्य के अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी ने एक निवेदना द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे से की है।

राज्य में जल्द ही आचारसंहिता लगने के संकेत हैं और इस बात की प्रबल संभावना है कि दिवाली के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की पूरी संभावना है। ऐसी पृष्ठभूमि में सरकार द्वारा लागू की गई या नई शुरू की गई विभिन्न योजनाओं से संबंधित विज्ञापनों को विशेष प्रचार अभियान के तहत राज्य के छोटे समाचार पत्रों को देने हेतु प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे पहले जो-जो सरकारें थीं, उन सरकारों ने विधानसभा चुनाव से पहले, लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की सभी सरकार द्वारा अनुमोदित विज्ञापन सूचियों पर समाचार पत्रों को ऐसे विज्ञापन दिए थे और इन विज्ञापनों को देने के बाद सरकार की विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंचाया जा सकता है और यह देखा गया है कि चुनावों में सत्तारूढ़ दल का आवश्यक प्रभाव भी देखा गया है।

अपने निवेदन के अंत में प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राज्य के छोटे अखबारों को छोड़ने से स्थिति क्या निर्माण हुई? इसका अध्ययन करते समय यह एक ही पहलू से बिना देखे राज्य के छोटे अखबारों को विज्ञापन न देने का असर कुछ हद तक जरूर पड़ा है, इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल को विशेष प्रचार अभियान चलाते हुए राज्य के छोटे समाचार पत्रों को प्राथमिकता देनी चाहिए। अब जब कुछ ही दिन बचे हैं तो तुरंत विज्ञापन शुरू कर देने चाहिए तथा राज्य में छोटे समाचार पत्रों के माध्यम से अपना प्रचार अभियान तेज करें।

Spread the love

Post Comment