अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता के लिए एआरआईईएस और बीईएल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये
अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता के लिए एआरआईईएस और बीईएल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये
उपग्रहों और उनके उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिक्ष स्थित वस्तुओं, खास तौर से पृथ्वी के पास की वस्तुओं और कृत्रिम उपग्रहों पर नज़र रखने के लिए इमेज प्रोसेसिंग तकनीक, डेटा एनालिटिक्स समाधान के लिए सॉफ्टवेयर के साथ-साथ उपकरण और प्रयोगशालाएं जल्द ही विकसित की जाएंगी। ट्रैकिंग के इस तरह के अभ्यास को अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता (एसएसए) कहा जाता है।
आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस), नैनीताल, केन्द्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत एक स्वायत्त संस्थान है, जिसने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करने के लिए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर, विशेष रूप से एसएसए पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हस्ताक्षर किए हैं।
यह भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक-इन-इंडिया’ पहलों के अनुरूप भारत की अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता और तकनीकी क्षमताओं को आगे बढ़ाने में एक अहम कदम है। अंतरिक्ष में वस्तुओं के बीच किसी भी संभावित भिड़ंत की भविष्यवाणी, चेतावनी और इससे बचने के लिए एसएसए की जारूरत होती है।
इस एमओयू के हिस्से के रूप में, एआरआईईएस और बीईएल इस उद्देश्य के लिए एआरआईईएस की अत्याधुनिक दूरबीनों जैसे 4एम इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (आईएलएमटी) के अवलोकनों का इस्तेमाल करेंगे। दोनों संगठन संयुक्त रूप से डेटा एनालिटिक्स समाधान के लिए इमेज प्रोसेसिंग तकनीक और सॉफ्टवेयर विकसित करेंगे। वे उपकरणों और प्रयोगशालाओं के विकास पर भी सहयोग करेंगे। एसएसए में क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। एरीज अंतरिक्ष में मौसम के बारे में अपनी विशेषज्ञता भी साझा करेगा।
इस समझौता ज्ञापन पर बीईएल की गाजियाबाद इकाई में प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी, निदेशक, एरीज और सुश्री रश्मि कथूरिया, जीएम (एससीसीएस) और यूनिट हेड ने एरीज से डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. टी.एस. कुमार और डॉ. एस. कृष्ण प्रसाद और बीईएल से वरिष्ठ अधिकारी श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (ओयू), श्री अनूप कुमार राय, सीएस (सीआरएल-जीएडी) और श्री पुनीत जैन, एजीएम (मार्केटिंग) की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए।
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