सहकारी आंदोलन के गुणात्मक विकास के लिए उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए : महाराष्ट्र राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष रामदास मोरे

सहकारी आंदोलन के गुणात्मक विकास के लिए उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए : महाराष्ट्र राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष रामदास मोरे

सहकारी आंदोलन के गुणात्मक विकास के लिए उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए : महाराष्ट्र राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष रामदास मोरे

पुणे, सितंबर (जिमाका)
राज्य में सहकारी आंदोलन के गुणात्मक विकास के लिए राज्य में सहकारी क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को उच्च गुणवत्तावाली सहकारी शिक्षा दी जानी चाहिए। यह विचार महाराष्ट्र राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष रामदास मोरे दे व्यक्त किये।

महाराष्ट्र राज्य सहकारी संघ के पद्मभूषण वसंतदादा पाटिल सभागृह में सहकार प्रशिक्षण केंद्र का ‘सहकार महर्षि साहेबराव सातकर सहकार प्रशिक्षण केंद्र’ नामकरण सामारोह में श्री मोरे बोल रहे थे। यहां अपर निबंधक श्रीकृष्ण वाडेकर, पुणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रा. दिगंबर दुर्गाडे, राज्य सह संघ के उपाध्यक्ष हिरामण सातकर, मानद सचिव विद्या पाटिल, पुणे ग्रामीण सहकारी संस्था के जिला उपनिबंधक प्रकाश जगताप, पुणे जिला सहकारी बोर्ड के उपाध्यक्ष रतन हेगडे, राज्य सह संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनाली रावल-ठाकुर, खेड तालुका शिक्षण प्रसारक मंडल के अध्यक्ष देवेंद्र बुट्टे पाटिल आदि उपस्थित थे।

श्री मोरे ने कहा कि राज्य सहकारी संघ के राज्य में कुल 13 सहकार प्रशिक्षण केंद्र है। इसमें 1 जुलाई 1947 को पुणे और रायगढ़ जिलों के लिए पुणे में स्थापित एक केंद्र भी शामिल है। पूर्व विधायक सहकार महर्षि स्व. साहेबराव सातकर ने राज्य में कई सहकारी समितियों के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी रुचि का क्षेत्र सहकारी शिक्षा प्रशिक्षण था। साहेबराव सातकर के सहकार में अलौकिक कार्यों की स्मृति को सदैव जीवित रखने के लिए प्रशिक्षण केंद्र का नामकरण ‘सहकार महर्षि साहेबराव सातकर सहकार प्रशिक्षण केंद्र’ रखा जा रहा है।

सहकारी आंदोलन के समृद्धि के लिए सहकारी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। आजकल मीडिया का स्वरूप बदल गया है। इसमें सहकारी क्षेत्र में बने रहने के लिए आवश्यक कदम उठाना आवश्यक है। सभी संस्थाओं के निदेशक मंडल को इस पर विचार कर संस्था की समृद्धि के लिए प्रयास करना चाहिए। छात्रों को सहकारी विषयों में रुचि विकसित करनी चाहिए, इसके लिए महाविद्यालय स्तर पर सहयोगात्मक शिक्षा देना आवश्यक है। प्रत्येक विभागस्तर पर प्रशिक्षण कक्षाओं की उचित योजना बनाई जानी चाहिए।

अपर निबंधक श्री वाडेकर ने कहा कि स्व. साहेबराव सातकर के कारण महाराष्ट्र राज्य सहकारी संघ को गौरव प्राप्त हुआ। उसकी समृद्धि होनी चाहिए इसलिए स्व. सातकर ने काम किया। समाज को सहयोग के माध्यम से विकास करना है तो सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण की बहुत जरुरत है। उनके मतानुसार यह सहकारी समिति पिछले 106 वर्षों से कार्य कर रही है। इस समय प्रा. दुगार्डे, श्री बुट्टे पाटिल, श्री सातकर व श्रीमती पाटिल ने भी अपना विचार व्यक्त किये।

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