जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 12 केंद्र स्थापित : बाढ़ के कारण हुए नुकसान का पंचनामा अंतिम चरण में
पुणे, जुलाई (जिमाका)
गुरुवार को पुणे शहर व आसपास के परिसर में भारी बारिश के कारण बाढ़ का पानी कई नागरिकों के घरों में घुस गया और उनके दस्तावेज़ बह गए। जिला प्रशासन ने उनके लिए नए दस्तावेज़ तैयार करने के लिए 12 स्थानों पर सहायता केंद्र स्थापित किए हैं।
बाढ़ के कारण कुछ नागरिकों के दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, विभिन्न प्रमाणपत्र आदि क्षतिग्रस्त हो गए या बाढ़ के पानी में बह गए, ऐसे नागरिकों के लिए इस विशेष केंद्र के माध्यम से शीघ्रता से प्रमाणपत्र तैयार किये जायेंगे। ये दस्तावेज़ नागरिकों से जानकारी लेकर तैयार किए जाएंगे। इसके लिए अलग से कर्मचारी भी नियुक्त किये गये हैं।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्कूल बोपोडी, कैन्टोन्मेंट कार्यालय खड़की, महात्मा ज्योतिबा फुले स्कूल ताड़ीवाला रोड, परुलेकर स्कूल येरवडा, बुद्ध विहार समाज मंदिर मंगलवार पेठ, बारणे स्कूल मंगलवार पेठ, कलमाडी स्कूल मंगलवार पेठ, अनुसूयाबाई खिल्लारे स्कूल एरंडवणे, अंबेडकर स्कूल पाटिल एस्टेट, तपोधाम सोसायटी वारजे, एकता नगर वडगांव बुद्रुक, इंदिरा नगर उत्तम नगर, वडगांव शेरी इन जगहों पर नागरिकों को नए दस्तावेज प्रदान करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी और आवश्यक प्रमाण पत्र जगह पर ही प्रदान किए जाएंगे।
बाढ़ क्षति का पंचनामा अंतिम चरण में
बाढ़ का पानी घर में घुसने से हुए नुकसान का पंचनामा पूरे दिन शुरु था। इसके लिए अलग-अलग टीमें नियुक्त की गईं। पिंपरी चिंचवड़ शहर में 2 हजार 500, पुणे शहर में 2 हजार 200 व हवेली तालुका में 900 पंचनामा कुल मिलाकर 5 हजार 600 पंचनामे पूरे किए गए। रविवार सुबह तक शेष पंचनामा कार्य पूरा कर शासन को सहायता का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
जिले के खतरनाक पर्यटनस्थलों पर अगले आदेश तक रोक
जिले के कुछ हिस्सों में अभी भी बारिश हो रही है और शनिवार को नारंगी चेतावनी और अगले दिन के लिए पीली चेतावनी है, अगले आदेश तक जारी होने तक जिले में खतरनाक पर्यटनस्थलों पर प्रतिबंध रहेगा, ऐसा प्रशासन ने सूचित किया है। नागरिकों से पर्यटन के लिए खतरनाक स्थानों पर न जाने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है।
डॉ. सुहास दिवसे, जिलाधिकारी पुणे- प्रशासन जल्द से जल्द नागरिकों तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, उन्हें तुरंत आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि उन्हें अपने रोजमर्रा के काम में कोई कठिनाई न हो। कर्मचारियों को बाढ़ पीड़ितों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। पंचनामा का काम 60 प्रतिशत पूरा हो गया है और रविवार सुबह तक काम पूरा हो जाएगा।
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