पैदा करता अन्न किसान,
गेहूं, बाजरा, मकई, ज्वार,
दाल, उड़द, मूंग, तूर, मसूर,
चावल देता पैदा कर धान।

आलू, बैंगन, प्याज, टमाटर,
पालक, मैंथी, मूली, गाजर,
लौकी, तुरई, ग्वार व भिंडी,
देता किसान गांव से आकर।

सेब, संतरा, अंगूर, कचालू,
लीची, अमरूद या रतालू,
केला हो या कंद मूल फल,
सब कुछ देता कृषक दयालू।

गुड़, शक्कर, और मिठाई
जीरा, हल्दी, सौंफ व राई
नमक, मिर्च और सारे स्वाद,
देता किसान ही हमें खटाई।

धरती का सीना चीर के लाता
आसमान को फाड़ के लाता
नेता, बाबू, मालिक, मजदूर
सबका पेट है भरता जाता।

मानव पशु पक्षी जीव चराचर
जीवित रहते सब कृषि पैदा पर
किसान हमारा है अन्नदाता,
करते नमन तुम्हें हम धरा पर।

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डॉ. सत्येंद्र सिंह
सप्तगिरी सोसायटी, जांभुलवाडी रोड,

आंबेगांव खुर्द, पुणे 411046 (महाराष्ट्र)

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