वारकरियों को पानी, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित सुरक्षा पर ध्यान रखा जाए

वारकरियों को पानी, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित सुरक्षा पर ध्यान रखा जाए

वारकरियों को पानी, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित सुरक्षा पर ध्यान रखा जाए

पूर्व तैयारी समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे ने दिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश

पुणे, जून (जिमाका)
पुणे जिले में समय पर बारिश शुरू होने के मद्देनजर पालकी उत्सव में भाग लेनेवाले वारकरियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, इसलिए स्वच्छ पेयजल, शौचालय, परिवहन, सड़क सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित उनकी सुरक्षा का ख्याल रखने के लिए सभी विभागों को उचित समन्वय से काम करना चाहिए। यह निर्देश जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे ने दिए।

जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज संस्थान व संतश्रेष्ठ श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज संस्थान के पालकी समारोह को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित पूर्व तैयारी समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष पाटिल, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख, निवासी उप जिलाधिकारी ज्योति कदम और अन्य उपस्थित थे।

पालकी समारोह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित तालुकों को इन्सीडन्स रिस्पॉन्स सिस्टीम (आईआरएस) का प्रभावी उपयोग करना चाहिए। समारोह के संबंधित विभाग के विशिष्ट कार्य के लिए एक संपर्क अधिकारी नियुक्त किया जाए और उसे पालकी समारोह की जिम्मेदारी दी जाए ताकि समन्वय में कोई भ्रम न हो।

बारिश को ध्यान में रखते हुए पेयजल टैंकरों के स्रोत की जांच कर उन्हें शुद्ध किया जाए। यदि जलापूर्ति हेतु आवश्यकता हो तो महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण एवं महाराष्ट्र औद्योगिक विकास मंडल की ओर से पानी पाने के लिए प्रयास किया जा सकता है। जलापूर्ति टैंकरों और शौचालयों की संख्या बढ़ाने के लिए पुणे महानगरपालिका, पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका और स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जानी चाहिए।

अस्थाई शौचालय की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। अगले गाँव में शौचालयों के परिवहन के लिए एक उपयुक्त पारगमन (ट्रान्जिट प्लान) योजना तैयार करें। पालकी मार्ग पर उन नागरिकों के घरों को अलग से चिह्नित करें जो अपने शौचालयों को वारकरियों के लिए उपलब्ध कराना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बरसात के बाद पूर्व गांवों की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाए।

पालकी मार्ग पर दवाखानों में दवाइयां उपलब्ध रखी जाएं। पालकी रोड पर जो भी अतिक्रमण हो उसे तत्काल हटाया जाए। सुरक्षा की दृष्टि से सड़क पर, नगरपालिका सीमा के अंतर्गत सभी होर्डिंगों की जांच की जानी चाहिए। सभी अवैध एवं असुरक्षित विज्ञापन बोर्ड हटाए जाएं। पालकी में रुकावट नहीं होनी चाहिए और वारकरियों की सुरक्षा के लिए पालकी राजमार्ग पर काम पूरा करने के साथ-साथ बाधाओं को हटाया जाना चाहिए। एनएचएआई द्वारा पुलिस, उपमंडल अधिकारियों और सार्वजनिक निर्माण विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण करना चाहिए और तदनुसार आवश्यक उपाय करना चाहिए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मार्ग के सभी होटलों में भोजन का नियमित निरीक्षण करना चाहिए। जहां गड़बड़ी पाई जाएगी वहां सख्त कार्रवाई, अगर जरूरत पड़ने पर लाइसेंस रद्द किया जाए। आपातकालीन व्यवस्था के लिए आलंदी में एनडीआरएफ के साथ-साथ होम गार्ड कर्मियों के आपदा मित्रों की सहायता लें। रात्रि में आवश्यक स्थानों पर बड़ी प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए नगरपालिका द्वारा लाइटिंग टावर का उपयोग किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पाटिल ने जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाओं आदि के संबंध में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी। संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी के लिए 1 हजार 500, संत तुकाराम महाराज पालकी के लिए 1 हजार और संत सोपान महाराज पालकी के लिए 200 शौचालयों का निर्माण विश्राम स्थलों पर किया जाएगा। तीनों पालकियों के लिए कुल 12 अस्थायी आश्रय केंद्र बनाए जाएंगे। जल स्रोतों, वारकरियों की स्वास्थ्य जांच, घूमती स्वास्थ्य टीम, दवाइयां, एम्बूलेंस की आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। स्तनपान करानेवाली माताओं और शिशुओं के लिए हिरकनी कक्ष स्थापित किए जाएंगे।

पालखी तल का समतलीकरण, ईंधन व बिजली आपूर्ति, अवशोषण गड्ढे, अस्थायी आश्रय केंद्र, स्वास्थ्य किट आदि की जानकारी दी गयी। 140 एम्बूलेंस और 57 एम्बूलेंस टीमें, 112 चिकित्सा अधिकारी, 336 स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। पेयजल के लिए 200 टैंकरों की व्यवस्था की जाएगी, ऐसा भी इस अवसर पर श्री पाटिल ने कहा। पालकी के साथ-साथ पुलिस के लिए तालुकास्तर पर अस्थायी तंबू (टेन्ट्स) उपलब्ध कराए जाएं। यह निर्देश जिलाधिकारी ने दिए।

पुलिस अधीक्षक श्री देशमुख ने पालकी व्यवस्था, परिवहन योजना, पालकी महामार्ग पर एनएचएआई की ओर से चल रहे कार्यों के अनुरूप सुरक्षा उपाय आदि की जानकारी दी गई और उन्होंने संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने की अपील की।

बैठक में इंद्रायणी नदी से जलीय पौधों को हटाने, प्रदूषित पानी बहकर जाने के लिए बांध से पानी छोड़ना, पालकी प्रस्थान के समय उपस्थितों के लिए आलंदी के मंदिर में सीमित रूप में मंदिर समिति की ओर से पास देने और प्रस्थान के दिन आवश्यक सेवा के वाहनों के अलावा अन्य वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने पर चर्चा की गई।

बैठक में सहायक जिलाधिकारी डॉ. पूजा मनोरमा, दिलीप खेडकर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता अतुल चव्हाण, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रकांत वाघमारे, संबंधित उपविभागों के उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, महानगरपालिका, मुख्याधिकारी, गुटविकास अधिकारी के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, अग्निशमन विभाग, पशुपालन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, महावितरण, परिवहन विभाग, राज्य सड़क परिवहन निगम आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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