‘प्रभु श्रीराम अक्षदा निमंत्रण अभियान’ 1 से 15 जनवरी 2024 में सहयोगी बनें

‘प्रभु श्रीराम अक्षदा निमंत्रण अभियान’ 1 से 15 जनवरी 2024 में सहयोगी बनें

‘प्रभु श्रीराम अक्षदा निमंत्रण अभियान’ 1 से 15 जनवरी 2024 में सहयोगी बनें

अयोध्या का वह बड़ा ही पवित्र दिन था। बड़ी मनभावन शारदा ऋतु थी। चैत्र मास, महिना चल रहा था। शुक्ल पक्ष था। आकाश में सूर्य पुनर्वसू नक्षत्र तारका समूह, कन्स्तेलेशन मे अपने सौंदर्य और हर्षोउल्हास से धरती मां को ऊर्जा से औतप्रोत कर रहा था और वह पावनक्षण आया जब रामलल्ला की पहले आवाज से अयोध्या का आकाश गूंज उठा था। आज से बराबर 12240 वर्ष पहले का वो दिन, आज के कलेंडर से, ऊपर दिये गये अस्ट्रोनोमिकल प्रूफ से, आज के सुपर कम्प्यूटर के आकाशीय सिमूलेशन के अनुसार यह दिन था 29 नवंबर 12240, आज भी हम सनातनी इस दिन को रामनवमी के पावन उत्सव के रूप से मनाते हैं श्रीराम के पदचिन्ह के हजारों साक्ष, चित्रकूट पर्वत, नाशिक, पंचवटी, श्रीरामेश्वर महादेव मंदिर, श्रीलंका आज भी उसी जगह हजारों साल बाद, अटल साक्ष दे रहे हैं, अटल खड़े हैं और मन में विचार आता है कि काश में चित्रकूट पर्वत होता? काश में गोदावरी नदी होता? तो प्रभु श्रीराम का दर्शन करता, उनके दर्शन के गुणगान गाता?

आज के बिजनेस एम्पायर जैसे टाटा ग्रुप, रिलायन्स ग्रुप, गुगल, मायक्रोसोफ्ट, ये सारे आज के युग के बड़े-बड़े साम्राज्य हैं। ये इतने बड़े क्यों हुये। जब मैंने इनका मनो विज्ञान अनालिसिस किया, अभ्यास किया, तो मैंने इनमें एक बड़ा चमत्कारी गुण देखा, वो है इनके मानव संसाधन विभाग के 12-13 प्रिन्सिपल, काम करने के नियम। इनमें सबसे अहम मानव संसाधन प्रिन्सिपल मुझे मिला। वह है कंपनी में आदर्श कर्मचारी बानो। रोल मोडल बनो। बचपन में, मुझे जब मेरे पिता साइकिल पर घुमाने ले जाते थे और अलग अलग गांव, मंदिर, राज्य दिखाते थे तो मैं उनमें मेरे हीरो, मेरे रोल मोडल देखता था। ये रोल मोडल का कन्सेप्ट भी हमें वेद और उपनिषदों ने ही दिया है। ये रोल मोडेल बनो ये एक आदर्शवाद का बेहेतरीन उदाहरण है, जिसके कारण आज ये बिजनेस एम्पायर पूरी दुनिया पर राज कर रहे हैं।

प्रभु श्रीराम 12,240 सालों से हमारे रोल मोडल बनकर हमें पग-पग जीवन के मूल्यों का मार्गदर्शन करते हैं जैसे…
1. एक पत्नी व्रती, चरित्रवान बनो।
2. एक सच्चे बेटे, जो पिता के वचन के लिये प्राण देने के लिये तैयार थे।
3. एक सच्चे भाई, जो अपने छोटे भाई के लिये राजपाट छोड़ने के लिए तयार थे, बंधुभाव के रोल मोडल।
4. एक सच्चे मित्र, जिसके स्वाभिमान के लिये अपने कर्म का बलिदान दिया – मित्र सुग्रीव को बचाने छुपकर वाली पर बाण चालया।
5. एक सच्चे शिष्य गुरू आज्ञा के लिये जंगल निकले।
6. एक सच्चे भक्त।
7. एक सच्चे भगवान।

ऐसे कई आदर्श कर्मों से प्रभु श्रीराम हमें 12240 वर्षों से मार्गदर्शन कर रहे हैैं, जिससे हजारों वर्ष भारतवर्ष एक सोने की चिड़िया के रूप में चहकता रहा। यहां हर राजा अपने आपको प्रभु श्रीराम का अंश देखकर, जीवन अपने प्रजाहित में व्यतीत करता था। आज भी थाईलैंड, इंडोनेशिया, एशिया के कई देश अपने राजा को प्रभु श्रीराम का अंश देखकर पूजते हैं। हजारों साल यहां के राजा पुत्र को जन्म के बाद अयोध्या मंदिर, प्रभु श्रीराम चरण पर रखते थे।

मैं जब छत्रपति शिवाजी महाराज का चरित्र पढ़ रहा था, उसमें बहुत जगह पर उल्लेख आता है कि, जिजाऊ बाल शिवाजी को, श्रीराम, कृष्ण, भीम, अर्जुन, हनुमान ऐसे महान तेजपुंजों की कहानियां सुनाती थीं। कहानियां सुनकर बाल शिवाजी के मन में प्रभु श्रीराम जैसे राजा बनने के सपनों ने जन्म लिया और अगला इतिहास आपको पता है। किसी समाज के वीर पुरुष, उस समाजसूर्य के भट्टी को प्रज्ज्वलित करने वाले न्यूक्लीयर अणुइंधन का काम करते हैं।

आज के नेशन (अमेरिका/ फ्रान्स / यूनायटेड किंग्डम /स्पेन / पोर्तुगाल/ जर्मनी) बहुत बड़ी सैन्य मुहिम, युद्ध सामुग्री के बलबूते पर और नरसंहार की उपज हैं, निर्माण हुए हैं। इसके विपरीत भारतवर्ष जैसी महान और 17000 वर्ष पुरानी सभ्यता बनती है रोल मोडल के बलबूते पर। ऐसे हजारों रोल मोडल भारतवर्ष के इतिहास में भरे पड़े हैं। जैसे पेट को भूख लागती है, वैसे ही रोल मोडल हमारे अस्तित्व को पहचान देते हैं। ये रोल मोडल एक तरीके से हमारे दिमाग का भोजन भी होते हैैं। जहां जहां बच्चों के ऐसे रोल मोडल हीरोज की कहानियां सुनाई जाती हैं। वहां एक चमत्कार होता है और बच्चे अपने आप को उस रोल मोडल की तरह देखने लगते हैं और एक दिन अलौकिक साहस का प्रदर्शन करते हैं। उसके विपरीत जिन बच्चों को ऐसे रोल मोडल नहीं पता होते हैं, वे बच्चे बड़े ही डर के माहोल में मानसिक रूप से अपंग पंगु विकसित होते हैं। ये षड्यंत हमारे बच्चो के साथ 70 साल खेला गया। आज भी अंग्रेजी पुस्तकों में हमारे इतिहास के हीरो वंचित हैं। हमारे बच्चों के पाठ्यक्रम से प्रभु श्रीराम, कृष्ण, अर्जुन, हनुमान कर कथायें निकाली गईं और 1947 से हम चार संपूर्ण पीढ़ियों को मानसिक रूप से अपंग पंगु किया गया, लेकिन आज मैं यह जान चुका हूं कि, सत्य क्या है, असत्य क्या है। जर्मनी के नेतावो ने सत्य इतिहास अपने अगले पीढ़ी को सिखाने का कानून पारित किया है। वहा जो असत्य इतिहास बोलता है, भाषण देता है उसे आजन्म कारावास का प्रविधान है।

इस्राइल को देखिये 80-90 लाख लोगों का छोटा देश है। इस्राइल ने जब अपने वीरयोद्धा, अपनी मातृभाषा, संस्कृति का पाठ अपने बच्चों को पढ़ाना चालू किया, उनके बच्चे सूर्य जैसे चमकने लगे। ये छोटासा देश साल में 5000 पेटंट अपने नाम पर लिखता है। ये होती हैं बच्चों में निर्माण होने वाली रोल मोडल आदर्शवाद की ताकद? लेकिन दुर्भाग्य से आज माता-पिता ही बच्चों को मातृभाषा से, अपने इतिहास से दूर कर रहे हैं।

इसीलिये मेरे भाइयो, मेरी बहनो, मेरे मित्रो, आइए हम लोग मिलकर, इस श्रीराम मंदिर, राष्ट्र मंदिर, स्वाभिमान मंदिर के निर्माण का दीपोत्सव मनायें। 22 जनवरी 2024 के पहले होने वाले राम सेवक अभियान में सहयोगी बनें। ये श्रीराम मंदिर, राष्ट्र मंदिर, स्वाभिमान मंदिर आपके बच्चों के भविष्य मंदिर का, भारतवर्ष का निर्माण करेगा। धरती मां के दूध का कर्ज चुकाने का ये एक स्वर्णिम अवसर है।

प्रभु श्रीराम अक्षदा निमंत्रण अभियान 1 से 15 जनवरी 2024 से जुड़े। अपना योगदान दें, जय श्रीराम!

लेखक- श्री राहुल एकनाथ गोरवाडकर
मोबाइल-9890144570

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