सभी पशुधन का ईयर टैगिंग करवाना अनिवार्य : विभागों द्वारा सरकार के निर्णय का सख्ती से क्रियान्वयन किया जाए : जिलाधिकारी ने दिए आदेश
पुणे, मई (जिमाका)
नेशनल डिजिटल लाइवस्टॉक मिशन (एनडीएलएम) के अंतर्गत ‘भारत पशुधन प्रणाली’ में सभी ईयर-टैग किए गए पशुधन का व्यापक पंजीकरण किया जा रहा है और एक सरकारी निर्णय जारी किया गया है कि किसानों के लिए अपने पशुओं को ईयर-टैग करवाना अनिवार्य है। इस निर्णय को सभी संबंधित विभागों द्वारा सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। यह आदेश जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे ने दिए हैं।
केंद्र सरकार की भारतीय पशुधन प्रणाली में ईयर-टैगिंग (12 अंक बार कोडेड) किए गए सभी पशुधन का व्यापक रिकॉर्ड रखा जा रहा है। इनमें जन्म और मृत्यु पंजीकरण, निवारक टीकाकरण और दवा, बांझपन उपचार, स्वामित्व हस्तांतरण शामिल हैं। संक्षेप में इस प्रणाली पर संबंधित पशुधन के प्रजनन, स्वास्थ्य, स्वामित्व अधिकार, जन्म और मृत्यु आदि के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध है।
राज्य में सभी पशुधन की जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध होकर पशुधन में संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण करने के लिए साथ ही जानवरों के बीच पशुधन में संक्रामक रोगों की रोक अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए और पशु व पशुजन्य उत्पादन को बढ़ाया जा सके इस दृष्टि से जिले के सभी पशु चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से पशुओं को कान में टैग (बिल्ला) लगाकर भारत पशुधन प्रणाली में पंजीकरण कराना आवश्यक है।
तदनुसार जिलाधिकारी डॉ. दिवसे ने जिले के सभी ग्राम पंचायत, नगरपरिषद, नगरपालिका, महानगरपालिका आदि स्थानीय निकायों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार 1 जून के बाद ईयर टैगिंग के बिना पशुधन को पशुचिकित्सा संस्था / दवाखाना से कोई भी पशु चिकित्सा सेवा प्रदान नहीं की जाएगी। इसके अलावा हमारे अधिकार क्षेत्र में आनेवाले कत्तलखानों में बिना टैग के भैंसों के कत्तल की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सभी राजस्व, वन, विद्युत एवं महावितरण विभाग ने प्राकृतिक आपदा, बिजली के झटके एवं जंगली जानवरों के हमले से मरनेवाले पशुओं को ईयर टैगिंग नहीं कराने पर मुआवजा राशि नहीं दें। बिना ईयर टैगिंग के किसी भी पशु का परिवहन नहीं किया जा सकता है, ऐसी स्थिति में पशुधन के मालिकों और परिवहनकर्ताओं के खिलाफ उचित कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
1 जून से ईयर टैग न रहनेवाले पशुधन की बाजार समितियों, साप्ताहिक बाज़ार और गांव में खरीदना और बेचना और बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन करने पर प्रतिबंध है, इसलिए टैग न रहनेवाले पशुधन को बाजार समिति में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए और इन्हें खरीदा-बेचा नहीं जाएगा, इसकी सावधानी संबंधित बाजार समितियों ने बरतनी चाहिए। साथ ही ग्रामपंचायत, राजस्व, गृह विभाग ने टैग न रहनेवाले बैलों को बैलगाड़ी दौड़ में भाग लेने के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
संबंधित पशुपालक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित पशु चिकित्साधिकारी से पशुधन के स्वामित्व हस्तांतरण के संबंध में अभिलेखों को शीघ्रता से अद्यतन करे। ग्रामपंचायत में पशुधन की बिक्री या रूपांतरण का प्रमाणपत्र पशुधन की ईयर टैगिंग के बिना नहीं दिया जाना चाहिए। रसीद पर ईयर टैग नंबर अंकित होना चाहिए। ऐसा भी आदेश में उल्लिखित किया गया है।
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