बेटियां बोझ, कमजोरी नहीं बल्कि समाज की आन, बान और शान हैं : डॉ. गणेश राख

बेटियां बोझ, कमजोरी नहीं बल्कि समाज की आन, बान और शान हैं : डॉ. गणेश राख

बेटियां बोझ, कमजोरी नहीं बल्कि समाज की आन, बान और शान हैं : डॉ. गणेश राख

हड़पसर, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
आज के दौर में लड़कियों ने अपने आप को साबित करके दिखाया है। आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां लड़कियों ने खुद को साबित न किया हो, इसलिए बेटियों को बोझ और अपनी कमजोरी नहीं बल्कि अपनी ताकत और अपने परिवार की रोशनी के रूप में देखना चाहिए। केवल लड़की ही है जो दोनों परिवार (मयका/ससुराल) के घर को रोशन करती हैं। लड़की समाज की आन, बान और शान हैं, जिन्होंने अभिभावकों का नाम रोशन किया है। यह विचार बेटी बचाओ अभियान के जनक डॉ. गणेश राख ने व्यक्त किए।

श्रुतिका संतोष देशमुख का दिल्ली में आयोजित की गई राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जितने पर और जयपुर में आयोजित की गई मिसेज इंडिया 2024 प्रतियोगिता का खिताब श्रुति शर्मा ने अपने नाम करने पर बेटी बचाओ अभियान के जनक डॉ. गणेश राख ने उनका विशेष रूप से सम्मान किया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां विशेष निमंत्रित अतिथिगणों के साथ मेडिकेयर हॉस्पिटल के कर्मचारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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