राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह सहित भारत सरकार के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अलंकरण समारोह के बाद केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ गृह मंत्री द्वारा उनके आवास पर दिए गए रात्रि भोज के दौरान संवाद किया।

पद्म पुरस्कार विजेता कल सुबह (23 अप्रैल, 2024) राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी भ्रमण करेंगे।

राष्ट्रपति मुर्मू ने पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को सार्वजनिक जीवन में योगदान, भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम को कला के क्षेत्र में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। बिंदेश्वर पाठक को भी सामाजिक कार्य के क्षेत्र में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति ने बंगाली और हिंदी सिनेमा में जीवंत अभिनय के लिए अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया। कला के क्षेत्र में प्रसिद्ध गायिका उषा उथुप, कालाजार पर अनुसंधान और नीति में अपने आजीवन योगदान के लिए डॉ. चंद्रेश्वर प्रसाद ठाकुर को पद्म भूषण से अलंकृत किया गया। इसके अलावा कला के क्षेत्र में अनुभवी मराठी फिल्म निर्देशक दत्तात्रय अंबादास मयालू और अनुभवी राजनेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री राम नाईक को सार्वजनिक क्षेत्र में पद्म भूषण पुरस्‍कार प्रदान किये गये। अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना को खेल के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला।

पद्मश्री पाने वाले अन्य लोगों में लकड़ी पर नक्काशी करने वाले जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध शिल्पकार गुलाम नबी डार, असम के आदिवासी किसान सरबेश्वर बसुमतारी, सर्जन डॉ. प्रेमा धनराज और आयुर्वेद डॉक्टर मनोहर कृष्ण डोले शामिल हैं।

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