पुणे, अप्रैल (जिमाका)
नए मतदाता लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और पहला मतदान कर इस उत्सव को मनाएं। यह अपील जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे ने की।
पिंपरी चिंचवड एजूकेशन ट्रस्ट की ओर से आयोजित युवा सम्मेलन में प्रतिभागी युवाओं के साथ टेलीविजन प्रणाली के द्वारा डॉ.दिवसे ने संवाद किया। इस अवसर पर यहां उपजिलाधिकारी अर्चना तांबे, तहसीलदार राधिका बारटक्के उपस्थित थे।

डॉ.दिवसे ने कहा कि मतदान के माध्यम से हम अच्छे प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में देश के भविष्य युवाओं की भागीदारी बढ़ाना जरूरी है। जिला प्रशासन ने नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए वर्ष भर कई गतिविधियां क्रियान्वित की हैं। फिर भी जिले की युवा आबादी की तुलना में केवल 25 से 30 प्रतिशत युवा मतदाताओं ने ही पंजीकरण कराया है।

डॉ. दिवसे ने कहा कि पुणे, शिरूर और मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में मतदाता के रूप में जो युवा पंजीकरण कराना चाहते हैं, उनके पास 15 अप्रैल की रात 12 बजे तक पंजीकरण कराने का अवसर है। युवाओं को चुनाव आयोग की वेबसाइट हीींिीं:/र्/ीेींंशीी.शलळ.र्सेीं.ळप या वोटर हेल्पलाइन ऐप पर स्वयं मतदाता के रूप में पंजीकृत करने की सुविधा है। मतदाता पंजीकरण के लिए केवल निवास और उम्र का प्रमाण आवश्यक है।

बुजुर्ग मतदाताओं का आदर्श रखें सामने
जिलाधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में बुजुर्ग मतदाताओं का बहुत बड़ा योगदान है। जिले में 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को मिलनेवाली सुविधाओं के संबंध में जब उनसे संपर्क किया गया तो अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों ने मतदान केंद्र पर गर्व से मतदान करने की इच्छा व्यक्त की। उनकी इस कर्तव्य भावना का आदर्श युवा सामने रखें और मतदाता पंजीकरण एवं मतदान में भाग लेना चाहिए।

डॉ. दिवसे ने अपील की कि कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेकर नेतृत्व और संचार कौशल विकसित करें। सोशल मीडिया का उपयोग सकारात्मकता निर्माण करने और अपनी भागीदारी से समाज और देश को समृद्ध बनाने के लिए किया जाना चाहिए।

डॉ. दिवसे ने कहा कि आजादी के बाद देश ने लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनाई। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत को जाना जाता है। कई देशों में महिलाओं को वोट देने के अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आजादी के बाद भारत ने संविधान के जरिए महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। जबकि ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव महत्वपूर्ण हैं, पुणे जैसे शहरी भाग में राज्य में होनेवाले औसत मतदान के बजाय कम मतदान होता है। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदान जरूरी है।

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