मुंबई, मार्च (महासंवाद)
पुणे महानगरपालिका में नए शामिल किए गए 34 गांवों के निवासियों और गैर-निवासियों की आयकर पर पिछली ग्रामपंचायत के आयकर का तीन गुना से दस गुना तक आयकर लगाना अनुचित है। आयकर भुगतानकर्ताओं को इस कर का भुगतान करना संभव नहीं है, इस स्थिति पर विचार करते हुए पुणे महानगरपालिका का आयकर पिछले ग्रामपंचायत कर के दोगुने से अधिक न हो। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस संबंध में कानून में संशोधन की कार्रवाई तुरंत शुरू की जानी चाहिए। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने नगर विकास सचिव के साथ आयोजित बैठक में दिए।

पुणे महानगरपालिका में नए शामिल किए गए 34 गांवों में निवासी और अनिवासी आय पर तीन गुना से दस गुना तक कर लगाया गया है, जिससे संबंधित गांवों के साथ अन्याय हो रहा है। ग्रामीणों ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से इसे हटाने की मांग की थी। तदनुसार उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने नगर विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और अन्याय को तुरंत दूर करने का निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री के मंत्रालय के समिति सभागृह में हुई इस बैठक को नगरविकास विभाग के सचिव के. गोविंदराज, विधायक सर्वश्री चेतन तुपे, सुनील टिंगरे, भीमराव तपकिर सहित 34 गांवों के प्रतिनिधि, शहरी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।

पुणे महानगरपालिका में नए शामिल किए गए 34 गांवों में अवैध निर्माण पर जुर्माना और वार्षिक बकाया संपत्ति कर पर लगाए गए 2 प्रतिशत जुर्माना (विलंब राशि) वसूली को अगले निर्देश तक स्थगित करने का निर्देश राज्य सरकार ने एक विशेष पत्र के माध्यम से दिया है।
उक्त जुर्माने की माफी के साथ 34 गांवों की आय पर लगनेवाले आय को तीन गुना से दस गुना घटाकर आय कम करने के लिए कानून में संशोधन करना जरूरी रहने से उक्त कार्रवाई तुरंत पूरी की जाए और 34 गांवों के आयधारकों को राहत दी जाए। ऐसे स्पष्ट निर्देश उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने नगरविकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को देने से संबंधित गांवों के प्रतिनिधियों ने संतोष व्यक्त किया है।

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