राज्य में कन्या भ्रूण हत्या रोकने और शिकायत दर्ज कराने के लिए अब 104 टोल फ्री हेल्पलाइन
पुणे, फरवरी (जिमाका)
जनस्वास्थ्य मंत्री प्रा. डॉ. तानाजी सावंत के मार्गदर्शन में राज्य में लिंगानुपात बढ़ाने और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी, विभिन्न पहल और उपाय सफलतापूर्वक लागू किए जा रहे हैं। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए राज्य में शिकायतें दर्ज कराने और शंकाओं के समाधान के लिए 104 टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा 24 घंटे शुरू की गई है।
गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन निवारण) अधिनियम 1994 और संशोधित अधिनियम 2003 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार ने यह पहल शुरू की है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से फरवरी 2024 तक 1 हजार 69 शिकायतें दर्ज की गई हैं और 1 हजार 64 शिकायतों का निवारण राज्य परिवार कल्याण कार्यालय, पुणे के माध्यम से किया गया है।
पीसीपीएनडीटी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18002334475 पहले चालू था, लेकिन अब इस नंबर को स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104 में 22 फरवरी 2024 से शामिल कर दिया गया है। यह सेवा जनता के लिए पूरे समय 24 घंटे उपलब्ध है। अब इन दोनों हेल्पलाइन नंबरों को पीसीपीएनडीटी शिकायतें दर्ज कराने के लिए जारी रखा गया है।
इस नंबर के माध्यम से दर्ज की गई शिकायत कक्ष के कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी द्वारा दर्ज की जाएगी और आगे के लिए संबंधित उपयुक्त प्राधिकारी (जिला शल्य चिकित्सक), चिकित्सा अधीक्षक और चिकित्सा अधिकारी महानगरपालिका (शहरी प्रभाग के लिए) और राज्य परिवार कल्याण कार्यालय, पुणे को आगे की कार्रवाई के लिए ई-मेल द्वारा रोज भेजी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104 में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राज्य परिवार कल्याण कार्यालय, पुणे के माध्यम से पीसीपीएनडीटी शिकायतों के स्वरुप के बारे में 23 फरवरी को उप निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (कु.क) डॉ. रेखा गायकवाड एवं सहायक निदेशक डॉ. राजश्री ढवले द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
दोनों टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों पर कोई भी शिकायत दर्ज कराता है तो शिकायत गोपनीय रहेगी और शिकायतकर्ता चाहे तो अपना नाम भी दर्ज करा सकता है और पीसीपीएनडीटी कानून के तहत शिकायत का निस्तारण कर भ्रूणलिंग जांच करानेवाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए शिकायत करने के बाद उस पर सफलतापूर्वक क्रियान्वयन होता है तो शिकायतकर्ता को सरकार के माध्यम से खबरी बख्शीस योजना के तहत राशि 1 लाख रुपये दी जाएगी। नागरिकों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ उठाकर समाज में जन्म लिंगानुपात बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। यह अपील स्वास्थ्य मंत्री प्रा. डॉ. पंडित ने की है।
गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन रोकथाम) अधिनियम 1994, संशोधित अधिनियम 2003 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तथा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए एक नई वेबसाइट शुरू करने की कार्यवाही चल रही है और जल्द ही चालू हो जाएगी। यह जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई है।
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