जिले में 28 फरवरी से 3 मार्च तक महासंस्कृति महोत्सव का आयोजन
नागरिकों से महासंस्कृति महोत्सव में शामिल होने की जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे द्वारा अपील
पुणे, फरवरी (जिमाका)
छत्रपति शिवाजी महाराज के 350 वें राज्याभिषेक वर्ष के अवसर पर सरकार के निर्देश अनुसार जिले में पर्यटन, सांस्कृतिक कार्य विभाग और पुणे जिला प्रशासन की ओर से 28 फरवरी से 3 मार्च तक जिले में महासंस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, अधिक से अधिक नागरिकों से इस महोत्सव में भाग लेने हेतु जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे ने अनुरोध किया है।
पुणे के लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक सभागृह येरवडा, बारामती के विद्या प्रतिष्ठान के गदिमा सभागृह और सासवड स्थित आचार्य अत्रे सांस्कृतिक सभागृह में यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।
इस स्थान पर मराठी कला, नाटक, साहित्य, सांस्कृतिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और सभी कार्यक्रम सभी नागरिकों के लिए निःशुल्क हैं।
महोत्सव के रूप में 28 फरवरी को उद्घाटन सत्र में अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक सभागृह में ढोल-ताशा टीम, गणेश वंदना और वारसा संस्कृतीचा, गदिमा सभागृह बारामती में गरजा नाट्य छटांचा, हंसी मजाक और कीर्तन व सासवड में आचार्य अत्रे सांस्कृतिक सभागृह में लावणी का कार्यक्रम होगा।
29 फरवरी को अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक सभागृह में भजन मंडल प्रतियोगिता, पुरस्कार वितरण और अभंगरंग, गदिमा सभागृह बारामती में ‘यदा कदाचित नाटक’ और सासवड में आचार्य अत्रे सांस्कृतिक सभागृह में एकांकी नाटक और ‘सोबतीचा करार’ नामक नाटक होगा।
1 मार्च को अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक सभागृह में एकांकी नाटक, कविता पाठ और यदा कदाचित नाटक गदिमा सभागृह बारामती में एकांकी नाटक व ‘तुझी आठवण’ नाटक, सासवड में आचार्य अत्रे सांस्कृतिक सभागृह में भारुड का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।
2 मार्च को अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक सभागृह में एकांकिका, बोक्या सातबंडे और देशभक्ति संगीत, गदिमा सभागृह बारामती में बोक्या सातबंडे, एकांकिका और गीत रामायण का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।
3 मार्च को अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक सभागृह में एकांकी नाटक, सांस्कृतिक मेला और नक्षत्रों की पेशकश और नदी किनारे मार्ग पर पुणे विश्वविद्यालय द्वारा छोटे बच्चों की मैराथन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। गदिमा सभागृह बारामती में एकांकिका, स्वराज्य गाथा शिवदर्शन, एकांकिका कार्यक्रम होंगे।
छत्रपति शिवाजी महाराज के 350 वें राज्याभिषेक वर्ष के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्य, नीति, चरित्र, विचार और कौशल का महत्व आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक और छत्रपति शिवाजी महाराज की गौरवशाली और अलौकिक विरासत को प्रसिद्धि मिले यह इस महासांस्कृतिक महोत्सव आयोजन के पीछे का उद्देश्य है।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति का आदान-प्रदान, स्थानीय कलाकारों को मंच, लुप्त होती कला एवं संस्कृति का जतन एवं संरक्षण तथा स्वतंत्रता संग्राम के ज्ञात-अज्ञात सेनानियों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए महासंस्कृति महोत्सव महत्वपूर्ण होगा। यह जानकारी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है।
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