प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थन-एम्स जम्मू का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में विभिन्न अन्य विकास कार्यों का उद्घाटन, शुभारंभ और शिलान्यास भी किया तथा केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत की।
इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू से सांसद श्री जुगल किशोर शर्मा उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 4 से बढ़कर 12 हो गई है। इसी तरह, इसी अवधि में, जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस सीटें दोगुनी से भी अधिक 500 से बढ़कर 1300 हो गई हैं।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले पहले जम्मू-कश्मीर में कोई पीजी मेडिकल सीट नहीं थीं और आज केंद्र शासित प्रदेश में 650 पीजी मेडिकल सीटें हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 35 नए नर्सिंग और पैरामेडिक कॉलेज भी खुल रहे हैं, जिससे नर्सिंग सीटों में भी काफी वृद्धि होगी।
एम्स जम्मू के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 15 नए एम्स जोड़े हैं, जिनमें अकेले जम्मू-कश्मीर में दो एम्स शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एम्स जम्मू के शुभारंभ के बाद, जम्मू के लोगों को अब विशेष चिकित्सा उपचार के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा, जिससे उन्हें बहुमूल्य समय और संसाधनों की बचत करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने देश के सभी क्षेत्रों में आधारभूत अवसंरचना के परिवर्तन की तीव्र गति पर प्रकाश डाला। उन्होंने 2047 तक भारत के विकसित भारत बनने के अपने दृष्टिकोण को दोहराया और लोगों से उस अपील की कि वे विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि विकसित जम्मू-कश्मीर विकसित भारत की पूर्व-आवश्यकता है और जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की विभिन्न विकासात्मक और उत्थान परियोजनाओं का उद्देश्य उस दृष्टिकोण को वास्तविकता में पूरा करना है।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने एम्स जम्मू के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एम्स जम्मू के शिलान्यास से उद्घाटन तक का पूरा कार्य केवल 5 वर्षों में संपन्न हुआ।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने केन्द्रशासित प्रदेश के लोगों की कई लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि चाहे वह हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए केंद्रीय योजनाओं का विकास और लाभ पहुंचाना हो या क्षेत्र में दो एम्स का प्रावधान करना हो, केन्द्र सरकार ने यहां के लोगों आशाओं को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन देखा गया है, विशेष रूप से क्षेत्र के स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में सुधार हुआ है, आतंकवाद में लगभग 75 प्रतिशत की कमी आई और निवेश तथा नए अवसरों की वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र ऐसा क्षेत्र बन गया है जहां एम्स, आईआईटी, आईआईएम और अन्य प्रतिष्ठित संस्थान हैं।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश और विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में आधारभूत अवसंरचना के विकास में गति के लिए केन्द्र सरकार ने इस क्षेत्र को विशेष महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि इनमें से कई विकास परियोजनाएं आरंभ से ही बहुत महत्वाकांक्षी थीं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकास अंतिम छोर तक पहुंचे, उन्हें सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री को श्रेय देते हुए धन्यवाद दिया।
पृष्ठभूमि:
एम्स जम्मू, एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, विजयपुर (जम्मू) में स्थित स्वास्थ्य सेवा के लिए एक प्रमुख अत्याधुनिक विश्वसनीय उच्च गुणवत्ता वाला रेफरल सेंटर है। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तत्वावधान में क्षेत्रीय स्वास्थ्य देखभाल असंतुलन को दूर करने, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और हमारे देश में चिकित्सा शिक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए की गई है।
एम्स जम्मू, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ, किफायती विशेष चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का प्रयास करता है, जिससे इलाज के लिए दूर के शहरों की यात्रा से जुड़े वित्तीय बोझ और समय की कमी को कम किया जा सके और अपने आदर्श वाक्य “हीलिंग मीट्स होप” के साथ क्षेत्र के स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य में परिवर्तन लाया जा सके। संस्थान का लोगो जम्मू क्षेत्र के सामाजिक-सांस्कृतिक और आध्यात्मिक लोकाचार को दर्शाता है।
अस्पताल व्यापक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार है, जिसमें बाह्य रोगी विभाग में प्रतिदिन लगभग 2000-3000 रोगी इलाज के लिए पहुंच सकते है। चरण-1 में 750 बिस्तरों की स्थापना की जाएगी, जिसमें ट्रॉमा देखभाल, सामान्य देखभाल और सुपर-स्पेशलिटी के लिए 193 आईसीयू बिस्तर शामिल होंगे। एम्स जम्मू की योजना लगभग 50 विभागों को शामिल करने की है, जिसमें सामान्य और विशेष देखभाल दोनों शामिल हैं। इसमें न्यूक्लियर मेडिसिन, 20 मॉड्यूलर ओटी, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी उन्नत सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जो चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। ये सुविधाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि मानवीय और निरंतर देखभाल आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके अतिरिक्त, अन्य सुविधाओं और साझेदारियों के साथ 30 बिस्तरों वाला एम्स जम्मू का समर्पित दो मंजिला “आयुष ब्लॉक” क्षेत्रीय स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाने के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय के साथ एक समग्र स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण को दर्शाता है। एम्स जम्मू आपातकालीन देखभाल में तीव्र आघात रोगी परिवहन के लिए एक हेलीपैड भी उपलब्ध कराया गया है। यह इस क्षेत्र और केन्द्रशासित प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए आशा की किरण है।
एम्स जम्मू ने एक अभूतपूर्व पहल की शुरुआत करते हुए एक ‘रोगी केंद्रित अस्पताल’ की स्थापना की है, जिसमें रोगी सहायक सेवाएं, इनडोर नेविगेशन सिस्टम, रोगी देखभाल प्रबंधक और समन्वयक तथा स्मार्ट भुगतान कार्ड जैसी नवीन सुविधाएं शामिल हैं। रोगी नेविगेशन सिस्टम की शुरुआत सभी रोगियों के लिए चिकित्सा पहुंच बढ़ाने का वादा करती है। यह प्रणाली निर्बाध नेविगेशन प्रदान करके दृष्टिबाधित लोगों सहित दिव्यांग व्यक्तियों को सुविधा प्रदान करती है।
एम्स जम्मू में एमबीबीएस के लिए प्रत्येक वर्ष 100 छात्र और नर्सिंग के लिए 60 छात्र प्रवेश ले सकते हैं। यह भविष्य में मेडिकल, डेंटल (एमडी/एमएस/एमडीएस), नर्सिंग, सुपर स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम (डीएम/एमसीएच), डॉक्टरेट (पीएचडी) डिग्री और अन्य में स्नातकोत्तर कार्यक्रम भी शुरू करेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के किनारे 226.84 एकड़ में फैला यह अस्पताल भारत के सबसे बड़े और सबसे सुरम्य परिसरों में से एक है। परिसर पर्यावरण-मैत्री को प्राथमिकता देता है, इसे सौर पैनल प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र और 13,500 पेड़ों और 5 लाख झाड़ियों के रोपण के साथ एकीकृत आवास मूल्यांकन (जीआरआईएचए) के लिए 4-स्टार ग्रीन रेटिंग के लिए विकसित किया जा रहा है।
एम्स जम्मू की प्रमुख बुनियादी सुविधाओं में अत्याधुनिक प्रोजेक्शन सिस्टम, ऑडियो-विजुअल सिस्टम और 1000 लोगों की बैठने की क्षमता वाला एक कन्वेंशन सेंटर, 216 परिचारकों के लिए एक नाइट शेल्टर, बहुमंजिला स्टाफ आवास, यूजी/पीजी हॉस्टल, एक स्पोर्ट्स क्लब, क्रिकेट स्टेडियम, बास्केटबॉल और लॉन टेनिस कोर्ट, स्क्वैश कोर्ट, 3284 कारों के लिए सतही पार्किंग और 26 मेहमानों के लिए एक गेस्ट हाउस शामिल हैं। परिसर में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उल्लेखनीय “मूल्य संवर्धन” में एक एम्फीथिएटर, साइक्लिंग ट्रैक, वॉकिंग पथ के साथ शीतल संगीतमय फव्वारे लगाए गए हैं।
अपने 54 प्रतिशत संकाय और लगभग 78-80 प्रतिशत नर्सिंग महिला अधिकारियों के साथ, एम्स जम्मू, समान अवसरों, सहायक कार्य वातावरण और स्त्री-पुरूष समानता की नीतियों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, महिला नेतृत्व के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण कार्यक्रम विविधता और समावेशन के प्रति इसकी प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तु करते हैं।
प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण के अनुरूप, एम्स जम्मू, स्वास्थ्य देखभाल इकोसिस्टम के निर्बाध एकीकरण के लिए, शुरू होने के 1 वर्ष के भीतर 4 महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा में शतप्रतिशत डिजिटलीकरण करके एक परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा। पारंपरिक कागजी रिकॉर्ड के स्थान इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (ईएचआर) रखा जाएगा।
एम्स जम्मू ने एक उत्तरदायी, अनुकूलनीय और विश्व स्तर पर जुड़े स्वास्थ्य देखभाल इकोसिस्टम बनाने के लिए आईआईटी, आईआईएम, आईआईआईएम और अन्य जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित किया है। यह स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा में सफलता तथा महत्व के लक्ष्य के साथ टेलीमेडिसिन, ट्रॉमा साइंसेज, नर्सिंग, व्यापक कैंसर देखभाल, अस्पताल प्रशासन में उन्नत अध्ययन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रूप से “उत्कृष्टता केंद्र” स्थापित कर रहा है। इसकी आगामी 24/7 आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। “एम्स जम्मू” स्वास्थ्य देखभाल, अनुसंधान, कौशल विकास और चिकित्सा शिक्षा के लिए एक “वैश्विक गांव” के रूप में विकसित हुआ है, जो ओआईसी/एनआरआई को अत्याधुनिक तकनीक के साथ विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है, इसका लक्ष्य एकीकृत ‘वन कैंपस’ समाधान है, जहां रोगियों की सभी जांच, परिचालन, पुनर्वास और व्यावसायिक आवश्यकताएं पूरी की जा सकती हैं।
एम्स, जम्मू के शिलान्यास अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कार्यान्वयन एजेंसियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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