‘एआई’ के युग में जिम्मेदार पत्रकारिता का नया दृष्टिकोण विकसित करें : अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा वर्मा
मुंबई, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पत्रकारिता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के संगम से केवल तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार न्यूज़ लिखने की नई मानसिकता विकसित करने की जरूरत है, ऐसा विचार कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा वर्मा ने व्यक्त किया।
रतन टाटा महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विश्वविद्यालय, मंत्रालय व विधानमंडल वार्ताहर संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समाचार पत्र और डिजिटल माध्यम के पत्रकारों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर श्रीमती वर्मा बोल रही थीं। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय के प्रधान सचिव तथा महानिदेशक ब्रिजेश सिंह, रतन टाटा महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. डॉ. अपूर्वा पालकर, मंत्रालय व विधानमंडल वार्ताहर संघ के अध्यक्ष दिलीप सपाटे सहित समाचार पत्र, डिजिटल मीडिया और न्यूज़ एजेंसियों के पत्रकार उपस्थित थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वर्मा ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रशिक्षण सभी के लिए समान नहीं होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति के अनुभव और तकनीकी कुशलता को ध्यान में रखकर प्रशिक्षण की संरचना तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल टूल्स (उपकरणों) की जानकारी देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनका हैंड्स-ऑन (व्यावहारिक) उपयोग सिखाना ही वास्तविक आवश्यकता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ‘एआई इन न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग’, ‘एआई एथिक्स इन रिपोर्टिंग’, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, फैक्ट चेकिंग, ट्रांसलेशन टूल्स, चैट जीपीटी, ग्रामर्ली, गूगल ट्रांसलेट आदि जैसे कई प्रायोगिक सत्र शामिल हैं। श्रीमती वर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण के प्रत्येक दिन के साथ सीखने की प्रक्रिया आगे बढ़ती जाएगी और अंतिम दिन तक प्रतिभागी ज्यादा आत्मविश्वास के साथ ‘एआई’ का इस्तेमाल करने में सक्षम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित यह प्रशिक्षण केवल एक कोर्स नहीं, बल्कि ज्ञान युग की नई दिशा में उठाया गया कदम है। दुनिया भर में न्यूयॉर्क टाइम्स, गार्डियन, पीटीआई, हिंदुस्तान टाइम्स जैसे मीडिया संस्थानों ने ‘एआई’ को अपनाया है। महाराष्ट्र की पत्रकारिता को भी इस नए युग को आत्मसात करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल तकनीकी प्रगति नहीं होना चाहिए, बल्कि नैतिक पत्रकारिता (एथिकल जर्नलिज्म) के मूल्यों के साथ तकनीक का जिम्मेदारी पूर्ण इस्तेमाल करना आवश्यक है। लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त बनाने में मीडिया की भूमिका अधिक प्रभावशाली बने, इसके लिए ‘एआई’ का ज्ञान आवश्यक है।
