महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय परियोजना का शुभारंभ
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय परियोजना की स्थापना का ऐतिहासिक चरण ; भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई
मुंबई, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (MNLU) परियोजना की स्थापना विधि शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। राज्य सरकार द्वारा कानून शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए दिखाई गई प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है। महाराष्ट्र में न्यायपालिका की आधारभूत सुविधाएं देश में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं, ऐसा वक्तव्य भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने परियोजना के शुभारंभ अवसर पर दिया।
मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का सम्मान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के प्रो- कुलगुरु न्यायमूर्ति श्री चंद्रशेखर, न्यायमूर्ति भारती डांगरे, न्यायमूर्ति संदीप मर्ने, राज्य के महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले, विधि एवं न्याय विभाग की प्रधान सचिव सुवर्णा केवले, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. दिलीप उके, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, अध्यापकगण और विद्यार्थी उपस्थित थे।

मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए मूल्यवान भूमि प्रदान की है और उन्हें विश्वास है कि यह परियोजना केवल राष्ट्रीय स्तरपर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भी उत्कृष्ट मानदंड स्थापित करेगी।
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कानून की शिक्षा केवल एक पेशा नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। वकील वे सामाजिक अभियंता हैं जो सामाजिक और आर्थिक न्याय को साकार करते हैं।
महाराष्ट्र अंतरराष्ट्रीय स्तर का विधि शिक्षा केंद्र बनेगा : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र देश का एकमात्र राज्य है जहां तीन राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हैं। मुंबई विश्वविद्यालय के अंतर्गत बनने वाले इस आधुनिक परियोजना के सभी अनुमोदन पूरे हो चुके हैं। यह परियोजना केवल महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विधि शिक्षा का केंद्र बनेगी, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा।
उन्होंने बताया कि नवी मुंबई में एक ‘एज्यु-सिटी’ विकसित की जा रही है, जहां विश्व के सर्वोच्च विश्वविद्यालय आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आज उद्योग, व्यवसाय, सामाजिक जीवन और राजनीति इन सभी का शिक्षा से गहरा संबंध है।

मुख्यमंत्री ने कहा, आज मानव संसाधन ही सबसे मूल्यवान पूंजी है। पहले मनुष्य पूंजी के पास जाता था, अब पूंजी मनुष्य के पास आती है। इसलिए महाराष्ट्र में सर्वोत्तम मानव संसाधन तैयार करने का हमारा प्रयास जारी है।
मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर ने कहा कि विधि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा देने का केंद्र नहीं बल्कि श्रेष्ठ नागरिक तैयार करने का स्थान है। शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि जीवन में उत्कृष्टता और मानवीय मूल्यों का विकास करना है। जो व्यक्ति अच्छा इंसान है, वही अच्छा छात्र, शिक्षक या नागरिक बन सकता है, उन्होंने कहा।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण और प्रस्तावना कुलगुरु प्रो. दिलीप उके ने दी, जबकि आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रकाश चौधरी ने किया।
