‘बेटी बचाओ जनआंदोलन’ के जनक डॉ. गणेश राख द्वारा जारी अभियान की गेट्स फाउंडेशन ने की सराहना
हड़पसर, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
वर्ष 2012 को डॉ. गणेश राख ने बेटी बचाओ जनआंदोलन की नींव रखी थी। आज इस आंदोलन ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त कर ली है, कई देशों ने इस आंदोलन के जनक डॉ. गणेश राख को आमंत्रित करते हुए अपने देशों में इस अभियान का प्रचार प्रसार करवाया है। अब गेट्स फाउंडेशन जैसी विश्व प्रख्यात संस्था ने भी डॉ. राख द्वारा जारी इस अनूठी पहल ‘बेटी बचाओ जनआंदोलन’ की सराहना की है।
डॉ. गणेश राख को अस्पताल शुरू करने के बाद जो अनुभव प्राप्त हुआ। उसमें जब लड़के का जन्म होता है तो पूरा परिवार खुशियां मनाता है। साथ ही ख़ुशी से बिल का भुगतान करता है, लेकिन इसके विपरीत जब लड़की का जन्म होता है तो परिवार के लोग मां-बेटी से मिलने तक नहीं आते हैं, इसका क्या अनुभव रहा? बिल का भुगतान करने से बचने की प्रवृत्ति उनकी कैसी होती थी? उसके बाद डॉ. गणेश राख ने इस पर क्या विचार किया और उसे किस तरह अमल में लाया। इस बारे में अवगत कराया। डॉ. गणेश राख ने अपने मन में ठानकर कदम उठाया कि अब से जिस परिवार में लड़की का जन्म होता है परंतु घरवाले उसका स्वागत नहीं करते हैं, तो हम अपने अस्पताल की ओर से उस नन्हीं परी (लड़की) के जन्म का स्वागत करेंगे और एक भी रुपया अस्पताल का शुल्क नहीं लेने का फैसला किया। यह सारी जानकारी उन्होंने प्राप्त की।
विश्व विख्यात गेट्स फाउंडेशन ने बेटी बचाओ जनआंदोलन के जनक डॉ. गणेश राख द्वारा जारी कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी हीरो केप नहीं पहनते, कुछ हीरो कोट भी पहनते हैं उनमें से एक महाराष्ट्र के डॉ. गणेश राख भी एक हीरो हैं। वे समानता के सच्चे परोपकारी हैं। उन्होंने बदलाव की एक नई किरण लाई है। परिवारों में जो लड़की जन्म के बारे में संकुचित भावना होती थी उस भावना का प्रेम में परिवर्तित करना यह एक अद्भुत बदलाव लाने में वो सफल हुए हैं। हर बच्चे को समान दर्जा मिलना चाहिए, उनकी यह भूमिका काबिले तारीफ एवं सराहनीय है।
