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मेरी दोस्त
आप शक्ति हो, एक माँ हो, आज की सशक्त नारी हो,
मेरी नज़र में आप मंदिर की मूरत हो,
सम्मान, खुशी और सफलता आपको मिले भरपूर,
मेरी दुआओं में ऐसा हो असर, कि आपके सपने कभी ना हों चकनाचूर,
इंस्टाग्राम, फेसबुक और बाकी सोशल मीडिया होती है आभासी दुनिया,
दिखावे का मुखोटा लगा कर सच छुपाती है ये दुनिया,
यहाँ हीरे की खोज में कांच के टुकड़े न समेट लेना,
वरना चोट और तकलीफ़ छीन लेंगे आपका सुकून और मुश्किल कर देंगे जीना,
क्यों हर किसी से आस लगाना, हर किसी को तवज्जो देना,
याद रखना आप अनमोल हो, हर किसी के लिए इतना सस्ता मत बन जाना,
दुनिया में हर ओर गिद्ध और भेड़िए नोच खाने को हुए रवाना,
आप खुद को हमेशा सुरक्षित, मजबूत और महफूज बनाये रखना,
शैतानों से शैतान और इंसानों से इंसान बनकर मिलना,
इस फरेबी दुनिया में हर किसी पर जल्दी भरोसा ना कर लेना,
लोगों की भीड़ में इंसान मिले तो उनकी कदर जरूर करना,
निस्वार्थ और पवित्र विचार अब मुश्किल हुए मिलना,
आपके दुख में गम और सुख में खुशी केवल सच्चे दोस्त को होती है,
खता हो तो दोस्त से लड़ो, डांटो, शिकायत करो, वो आपका हक है,
दोस्ती जीवन का बेशकीमती तोहफा है,
दोस्त से मतभेद हो सकते, पर मनभेद नहीं होते हैं,
जीवन के सफर में तकलीफें तो कभी आपको भी हैं आती,
मजबूत है मेरी दोस्त, मुश्किलें कभी मुझे नहीं है बताती,
जिंदगी की राह में कभी कोई मुश्किल ना आये,
यही दुआ है मेरी, खुशियों के पल जीवन में आपके बार-बार आये,
जीवन भर खिलखिलाते, मुस्कुराते और सुरक्षित रहो, यही खबर मिले मुझे,
कोई दुख और दर्द हो तो फिर वो मेरे हिस्से आये।

कवि – डॉ. प्रीतम भी. गेडाम
