छात्रवृत्ति वितरण के लिए ‘ऑटो सिस्टम’ का प्रारूप तैयार किया जाए : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
नए कॉलेज मान्यता प्रणाली का शुभारंभ, महाराष्ट्र उच्च शिक्षा एवं विकास आयोग की बैठक संपन्न

मुंबई, सितम्बर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
राज्य के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति प्राप्त हो, इसके लिए राज्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन वितरण प्रणाली की तर्ज पर छात्रवृत्ति वितरण ‘ऑटो सिस्टम’ पर करने का प्रारूप तैयार किया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिए।

राज्य में कृषितर विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कॉलेज शुरू करने हेतु स्थान-बिंदु निर्धारित किए जाते हैं। इन स्थान-बिंदुओं की 2024 से 2029 तक की पंचवर्षीय योजना की बैठक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में पात्र ठहराए गए 739 महाविद्यालयों में से 593 महाविद्यालयों को अंतिम मान्यता प्रदान की गई।

सह्याद्री अतिथि गृह में महाराष्ट्र राज्य उच्च शिक्षा एवं विकास आयोग (MAHED) की बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नई कॉलेज मान्यता प्रणाली (New College Permission System – NCPS) का उद्घाटन किया। इसके माध्यम से इच्छुक संस्थान https://htedu.maharashtra.gov.in/NCPS पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

इस बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, जलसंपदा मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, कौशल विकास, उद्यमिता एवं नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, विधायक आशीष देशमुख, पूर्व सांसद सुजय विखे पाटिल, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. वेणुगोपाल रेड्डी, रूसा परियोजना निदेशक राजेंद्र भारुड, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. शैलेंद्र देवलांकर, तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद मोहितकर एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति मिले, इसके लिए सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग, अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग तथा आदिवासी विकास विभाग को वार्षिक बजट प्रावधान एवं वितरण की समयबद्ध योजना बनानी होगी। इस आधार पर राज्य सरकार की वेतन वितरण प्रणाली जैसी छात्रवृत्ति वितरण प्रणाली विकसित करने हेतु प्रारूप तैयार कर शीघ्र अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व को ध्यान में रखते हुए राज्य के समाजकार्य महाविद्यालयों में आवश्यक सुधार किए जाने चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर समिति गठित कर नए समाजकार्य महाविद्यालयों को स्थायी रूप से बिना अनुदान के मान्यता देने का प्रारूप तीन माह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय को B.Sc. Aviation and Hospitality पाठ्यक्रम शुरू करने हेतु विशेष प्रावधान के रूप में अनुमति प्रदान की गई है, जिसे संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान प्रणाली से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विधि एवं न्याय विभाग की राय लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ प्राप्त करने के बाद विधि महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान की जाए। साथ ही, AICTE, UGC, BCI Am¡a NCTE से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों के संबंध में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना कोई भी विभाग नई डिप्लोमा, डिग्री या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ न करे। इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर समिति गठित कर उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के अंतर्गत समयानुकूल एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि जिन निजी विश्वविद्यालयों का NAAC मानांकन ‘-’ है, उनमें चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को प्रस्ताव प्रस्तुत कर चयनित विश्वविद्यालयों में मेडिकल पाठ्यक्रम आरंभ करने की पहल की जानी चाहिए।
बैठक में राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुंबई विश्वविद्यालय के कुलगुरु रवींद्र कुलकर्णी ने जानकारी प्रस्तुत की।

 

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