मुंबई, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
आदिवासी व पिछड़े जिलों जैसे गड़चिरोली में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जनजागृति पैदा करने, किफायती व गुणवत्तापूर्ण नेत्र सेवाएँ पहुँचाने और उपचार उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संचालित “SPECS 2030” परियोजना से बच्चों की शिक्षा, युवाओं के लिए रोजगार और पूरे समाज के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
मुख्यमंत्री ने एसपीईसीएस 2030 पहल को गड़चिरोली जिले में लागू करने का आग्रह किया। यह initiative अहेरी तालुका को देश में आदर्श दृष्टि सेवा केंद्र बनाएगा।
“स्पेक्स 2030 वन साइट प्रोग्राम” नामक इस योजना को राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग, वन साइट लकॉटिका फाउंडेशन और WHO के सहयोग से गड़चिरोली सहित देश के पाँच पिछड़े जिलों में लागू किया जाएगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय अंधत्व निवारण व दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम (NPCBVI) के अंतर्गत संचालित होगा।
विश्व स्तर पर 2.2 अरब लोग दृष्टिदोष का सामना कर रहे हैं, और इनमें से कम से कम 1 अरब मामले इलाज योग्य हैं। भारत में लगभग 53% दृष्टिदोष अपूर्ण दृष्टिदोष (Refractive Errors) के कारण होता है, जो लगभग प्रत्येक दसवां स्कूल जाने वाले छात्र प्रभावित करता है। इसी संदर्भ में WHO ने स्पेक्स 2030 पहल की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य 2030 तक सस्ते व गुणवत्तापूर्ण चश्मों की सार्वभौमिक उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
इस पहल के तहत गड़चिरोली के साथ-साथ आसाम (धुबड़ी), ओडिशा (कलाहांडी), राजस्थान (अलवर), और उत्तर प्रदेश (प्रयागराज) में “आशा किरण मॉडल” अपनाया जाएगा। इस मॉडल में आशा कार्यकर्ता घर-घर पहुंच कर प्राथमिक नेत्र जाँच करेंगे, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चश्मे उपलब्ध कराए जाएंगे, और सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद की सर्जरी कराई जाएगी।
इस योजना में स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रशिक्षण, जनजागृति अभियान, विद्यालय व ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य संवाद, स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं व मीडिया द्वारा प्रचार प्रसार, और कार्यक्रम की प्रभावशीलता मापने हेतु डेटा संकलन जैसे विविध कार्य शामिल हैं।