‘महाराष्ट्र विशेष जनसुरक्षा विधेयक’ विधानसभा और विधानपरिषद में बहुमत से पारित

मुंबई, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र विशेष जनसुरक्षा विधेयक राज्य विधानसभा और विधानपरिषद में बहुमत से पारित कर दिया गया। यह विधेयक देश की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विधेयक संविधान विरोधी माओवादी आंदोलन और नक्सलवादियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी है। विधेयक पर चर्चा के उपरांत इसे बहुमत से पारित किया गया। इसके साथ ही विधान परिषद में ‘महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024’ प्रस्तुत किया गया। गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने यह विधेयक सदन में पेश करते हुए इसके पीछे के कारणों और आवश्यकता को स्पष्ट किया। विधेयक पर विस्तृत चर्चा के बाद, सभापति प्रो. राम शिंदे ने इसे बहुमत से पारित होने की घोषणा की।
इस विधेयक के लिए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में दोनों सदनों के सदस्यों की एक समिति गठित की गई थी। इस समिति द्वारा सुझाए गए सुझावों को सम्मिलित करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि देश के नक्सल प्रभावित राज्यों जैसे कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में पहले से ही इस प्रकार का कानून अस्तित्व में है, लेकिन महाराष्ट्र में अब तक ऐसा कोई स्वतंत्र कानून नहीं था। इस वजह से राज्य पुलिस को नक्सलवादियों और माओवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए केन्द्रीय कानूनों का सहारा लेना पड़ता था, जिससे कई बार प्रशासनिक बाधाएं और पूर्व अनुमति जैसी कठिनाइयाँ उत्पन्न होती थीं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि यह जनसुरक्षा कानून एक आज़मानपत्र (छेप-लरळश्ररलश्रश) और प्रतिबंधात्मक कानून है। यह किसी भी व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएगा। इसका उद्देश्य केवल नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कि यह कानून मुख्यतः आंतरिक सुरक्षा से संबंधित है। इसका उद्देश्य माओवादी, नक्सलवादी संगठनों और उन व्यक्तियों पर कार्रवाई करना है जो राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में पिछले कई वर्षों से यह मांग की जा रही थी कि राज्य का खुद का एक स्वतंत्र कानून हो, ताकि माओवादी गतिविधियों पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाया जा सके।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि इस कानून के अंतर्गत आंतरिक सुरक्षा को खतरा पहुँचाने वाले संगठनों और उनसे जुड़े व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कानून से नक्सल आंदोलन को बड़ा झटका लगेगा और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।