June 18, 2025

घरेलू अपशिष्ट संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों का एकीकरण स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का परिवर्तनकारी कदम

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घरेलू अपशिष्ट संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों का एकीकरण स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का परिवर्तनकारी कदम

स्वच्छ और हरित भारत की दिशा में, घरेलू कचरा संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का एकीकरण स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के अंतर्गत एक परिवर्तनकारी कदम है। ये शून्य-उत्सर्जन वाहन टिकाऊ शहरी स्वच्छता के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं – दैनिक कचरे का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करते हुए वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन पारंपरिक ईंधन से चलने वाले कचरा ट्रकों की तुलना में न केवल कार्बन उत्सर्जन में कटौती करते हैं, बल्कि कचरा मुक्त शहरों के मिशन के लक्ष्य के साथ भी पूर्ण रूप से संरेखित होते हैं। स्वच्छ गतिशीलता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बीच यह तालमेल पर्यावरण के लिए अधिक जिम्मेदार भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

image001FYCT घरेलू अपशिष्ट संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों का एकीकरण स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का परिवर्तनकारी कदम

आंध्र प्रदेश के गुंटूर ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 200 से अधिक इलेक्ट्रिक ऑटो का उपयोग करके अपशिष्ट प्रबंधन में एक पर्यावरण अनुकूल परिवर्तन को अपनाया है। सस्टेनेबल सिटीज इंटीग्रेटेड पायलट अप्रोच के तहत संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन और ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी द्वारा समर्थित यह पहल पारंपरिक डीजल से चलने वाले ट्रकों का एक हरित विकल्प है। जीपीएस ट्रैकिंग से लैस ये इलेक्ट्रिक ऑटो शहर के 159.46 वर्ग किमी क्षेत्र को कुशलतापूर्वक कवर करते हैं। यह परियोजना सालाना 71,000 लीटर से अधिक डीजल की आवश्‍यकता को समाप्‍त करके, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी कम करती है  और एक दशक में अनुमानित 21,000 टन – जलवायु परिवर्तन से निपटने और वायु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन शहर भर में कचरा संग्रहण के लिए बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक रिक्शा का उपयोग कर रहा है। यह पहल न केवल पर्यावरण के अनुकूल विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है, बल्कि वायु और ध्वनि प्रदूषण जैसी महत्वपूर्ण शहरी चुनौतियों का भी समाधान करती है। डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह ई-रिक्शा शहर प्रभावी रूप से हर दिन लगभग 41 टन कार्बन उत्सर्जन कम करते है – जो कि सालाना 15,160 टन की कमी के बराबर है। ये इलेक्ट्रिक वाहन विशेष रूप से घरों, व्यावसायिक स्थानों और गैर-आवासीय क्षेत्रों में घरों से कचरा इकट्ठा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। गीले, सूखे और खतरनाक कचरे को अलग-अलग करने के लिए अलग-अलग डिब्बों से लैस, ई-रिक्शा कचरे के पृथक्करण को भी बढ़ावा देते हैं। इससे लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूक बढती है और कचरा संग्रहण की दक्षता और समयबद्धता को भी बढावा मिलता है। वर्तमान में ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के माध्‍यम से 5,478 ई-रिक्शा 15 क्षेत्रों में सेवा प्रदान करते है और 24,621 सड़कों तथा 2.1 मिलियन से अधिक घरों को कवर करता है। इस प्रणाली से शून्य उत्सर्जन के माध्यम से महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लाभ, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी, और कम संचालन और रखरखाव लागत जैसे लाभ होते है। यह पहल 6,000 से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार का भी सृजन करती है। ई-रिक्शा में ऑडियो सिस्टम गीतों और सार्वजनिक सूचना अभियानों के माध्यम से अपशिष्ट पृथक्करण के बारे में जागरूक करने में मदद करता है।

image002XF10 घरेलू अपशिष्ट संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों का एकीकरण स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का परिवर्तनकारी कदम

इंदौर नगर निगम ने पारंपरिक डीजल से चलने वाले ट्रकों की जगह डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 100 इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वाहन) शुरू करके पर्यावरणीय स्थिरता और परिचालन दक्षता की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम उठाया है। यह पहल, राजवाड़ा जैसे मुख्य शहरी क्षेत्रों पर केंद्रित है, जो वार्षिक कार्बन उत्सर्जन को लगभग 24,918 टन कम करने और ईंधन और रखरखाव लागत में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद करती है। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से रीयल-टाइम जीपीएस ट्रैकिंग से लैस, ये वाहन सेवा पारदर्शिता और निगरानी को बढ़ाएँगे। डीजल वाहनों की जगह इलेक्‍ट्रोनिक वाहनों का उपयोग करने से निगम को ईंधन, सर्विसिंग, इंजन ऑयल और क्लच रिप्लेसमेंट लागतों को ध्यान में रखते हुए सालाना लगभग 5.97 करोड़ रूपये की बचत होने की उम्मीद है। इस ग्रीन फ्लीट को स्थायी रूप से चलाने के लिए, निगम ने 20 सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं, जिनमें से प्रत्येक 10 किलोवॉट सोलर पैनल से लैस है और प्रतिदिन 800-1000 यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम है। ये स्टेशन प्रतिदिन 80 से 100 वाहनों को चार्ज कर सकते हैं, जिससे पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में कमी आएगी।

इंदौर, गुंटूर और चेन्नई जैसे शहरों के ये अग्रणी प्रयास स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक टिकाऊ शहरी अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में एक शक्तिशाली बदलाव को दर्शाते हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल तकनीकों को अपनाकर ये शहर न केवल पर्यावरणीय प्रभावों को कम कर रहे हैं, बल्कि परिचालन दक्षता और सामुदायिक कल्याण में भी सुधार कर रहे हैं।

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