मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का छत्तीसगढ़ सीमा के दुर्गम कवंडे गांव दौरा

* 12 कुख्यात नक्सलियों ने हथियारों सहित किया आत्मसमर्पण
* पूर्व नक्सलियों के सामूहिक विवाह समारोह में मुख्यमंत्री की उपस्थिति
* C-60 कमांडों का सम्मान, AK-103 राइफल और पिस्तौलें सौंपी गईं
* पुलिस विभाग को बुलेटप्रूफ गाड़ियों सहित 19 वाहन प्रदान
* कोरमा नाले पर अंतरराज्यीय पुल का ड्रोन के जरिए निरीक्षण
गडचिरोली, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमापर स्थित अतिदुर्गम और नक्सल प्रभावित कवंडे गांव का दौरा किया। यह क्षेत्र इतना दूरस्थ है कि अब तक कोई मुख्यमंत्री यहां नहीं पहुंचा था। मुख्यमंत्री श्री.फडणवीस की उपस्थिति में 12 कुख्यात नक्सलियों ने करोड़ों रुपये के इनाम के साथ हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया। हथियारों सहित सामूहिक आत्मसमर्पण की यह राज्य में पहली घटना है।
इससे पहले आत्मसमर्पण कर चुके 13 पूर्व नक्सलियों का सामूहिक विवाह समारोह भी गडचिरोली में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री.फडणवीस ने नवविवाहितों को नवजीवन की शुभकामनाएं दीं। शाम को मुख्यमंत्री ने C-60 कमांडों का सम्मान किया और उन्हें अत्याधुनिक AK-103 राइफल, ASMI पिस्तौलें और बुलेटप्रूफ जैकेट्स प्रदान कीं। मुख्यमंत्री ने जवानों की वीरता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
जिल्हा नियोजन विकास निधि से 19 चारपहिया वाहन खरीदे गए हैं, जिनमें कुछ बुलेटप्रूफ वाहन भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री.फडणवीस ने इनकी चाबियां पुलिस विभाग को सौंपीं। इस अवसर पर वित्त एवं नियोजन राज्यमंत्री आशिष जयस्वाल, विधायक धर्मरावबाबा आत्राम, विधायक डॉ. मिलिंद नारोटे, पुलिस उपमहानिरीक्षक अंकित गोयल, जिलाधिकारी अविश्यांत पांडा और पुलिस अधीक्षक निलोत्पल आदि उपस्थित थे।
C-60 कमांडों का सत्कार
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कवंडे आउटपोस्ट की स्थापना मात्र 24 घंटे में करना पुलिस बल की दृढ़ इच्छाशक्ति और कार्यकुशलता का प्रतीक है। “यह केवल एक पुलिस स्टेशन नहीं बल्कि शासन-प्रशासन की आमजन तक पहुँच की शुरुआत है,” उन्होंने कहा।
पिछले दो वर्षों में ऐसे 6 आउटपोस्ट बनाए गए हैं। पिछले डेढ़ साल में 28 नक्सली मारे गए, 31 को गिरफ्तार किया गया और 44 ने आत्मसमर्पण किया। “यह एक ऐतिहासिक सफलता है। कई बड़े इनामी नक्सली अब समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। हमारी यह लड़ाई अंतिम चरण में है,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने उस द्वीप का भी दौरा किया जहाँ नक्सली छिपे हुए थे और पुलिस ने पानी में डूबते हुए अभियान चलाकर 4 नक्सलियों को मार गिराया था। “मार्च 2026 तक नक्सलवाद का संपूर्ण खात्मा हमारा लक्ष्य है,” उन्होंने दृढ़ता से कहा। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लिए गए कठोर निर्णयों की भी सराहना की।
आत्मसमर्पित नक्सलियों को संविधान की प्रति और पुनर्वास सहायता
12 नक्सलियों ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया और उन पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था। मुख्यमंत्री ने उन्हें भारतीय संविधान की प्रति भेंट की। लॉयड जैसी कंपनियों ने उनके पुनर्वास में अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गडचिरोली जिले को इस प्राकृतिक संपदा के साथ एक रोजगारयुक्त “पोलाद नगरी” (इस्पात शहर) के रूप में विकसित किया जाएगा।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में परिवर्तन की बयार : गडचिरोली बनेगा औद्योगिक केंद्र
तेलंगाना सीमा से सटे कवंडे गांव में आयोजित लाभार्थी मेळावे (शिविर) में मुख्यमंत्री फडणवीस ने लोगों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि गडचिरोली को नक्सल मुक्त और औद्योगिक रूप से मजबूत जिला बनाना हमारा दृढ़ संकल्प है।
हाल ही में कवंडे, नेलगुंडा और पेनगुंडा में ‘धरती आबा’ अभियान के अंतर्गत शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें 533 लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के 987 लाभ वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री के हाथों आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, अन्न सुरक्षा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, मनरेगा जॉब कार्ड, स्क्रीनिंग और एनीमिया जांच, आधार अपडेट, जाति प्रमाणपत्र जैसे लाभ प्रदान किए गए। इस शिविर में राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक न्याय, महिला व बाल कल्याण, वन विभाग, पुलिस और आदिवासी विकास प्रकल्प के अधिकारी भी शामिल रहे।
कोरमा नाले पर पुल का ड्रोन से निरीक्षण
छत्तीसगढ़ से सटे इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कोरमा नाले पर बन रहा पुल अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से इस पुल का निरीक्षण किया।
राज्यमार्ग 380 पर स्थित कोरमा नाले पर 120 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है, जिससे महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बीच सीधा संपर्क संभव हो सकेगा। इस परियोजना के लिए 10.70 करोड़ रुपये की तकनीकी मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक विभाग को इसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
इस पुल के बन जाने से गडचिरोली जिले के अंतिम छोर पर बसे गांवों तक भी प्रशासन और विकास की पहुँच सुनिश्चित हो सकेगी, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया।
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