मांजरी बुद्रुक की संशोधित योजना को मंजूरी दी जाए : शिवसेना की आग्रहपूर्ण मांग

मांजरी बुद्रुक की संशोधित योजना को मंजूरी दी जाए : शिवसेना की आग्रहपूर्ण मांग
मांजरी, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मांजरी बुद्रुक सहित शामिल 34 गांवों के नागरिकों को समान और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संशोधित जल योजना तैयार कर आवश्यक धनराशि तत्काल स्वीकृत की जानी चाहिए।
यह आग्रहपूर्ण मांग शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी की ओर से शहर प्रमुख संजय मोरे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पुणे महानगरपालिका आयुक्त और मुख्य अभियंता जलापूर्ति विभाग को व्यक्तिगत रूप से लिखित निवेदन देकर की गई है। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में प्रवीण रणदिवे, वर्षा खलसे, संतोष ढोरे, स्वप्निल वसवे, किरण खलसे, अशोक ढेंबेरे, रमेश सूर्यवंशी, किरण जाधव, नितिन राखपसरे आदि उपस्थित थे।
तत्कालीन मांजरी बुद्रुक ग्रामपंचायत ने मंजरी बुद्रुक गांव की पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए वर्ष 2008 में जनसंख्या सर्वेक्षण कराया था और मांजरी निवासियों को पानी उपलब्ध कराने का काम किया था। फिर वर्ष 2014 में उसी जनसंख्या को मानते हुए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण जल योजना को मंजूरी दी गई, परंतु किसी कारणवश इसे स्थगित कर दिया गया।
दिलचस्प बात यह है कि प्रशासन ने भविष्य में शहरीकरण में वृद्धि पर विचार किए बिना महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की जल योजना को दस साल बाद यानी वर्ष 2018 में फिर से मंजूरी दे दी। यह योजना वास्तव में छह से सात साल बाद वर्ष 2024 के अंत तक लागू की गई थी। उस पानी का लाभ मांजरी बुद्रुक के केवल 50 से 55% नागरिक ही अपर्याप्त और अनियमित तरीके से किसी न किसी तरह हो रहा है। शेष लगभग 45% मांजरी निवासी अभी भी पानी का इंतजार कर रहे हैं। इस ओर भी शहर प्रमुख संजय मोरे ने प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है।
मुख्य रूप से रेलवे गेट परिसर, गोडबोले बस्ती, घावटे बस्ती, रंगी ओढ़ा के दोनों तरफ के निवासी परिसर, मांजरी-मुंढवा रोड, जेड कॉर्नर तक का परिसर, मोरे बस्ती, भापकरमाला, शेवालवाड़ी आदि क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुसार लगभग 5 से 6 पानी की टंकियों का निर्माण कराना आवश्यक है और इसके साथ ही आवश्यक मुख्य और आंतरिक जलमार्गों का जाल बनाना भी आवश्यक है। यह भी प्रमुख मांग की गई है। इसके साथ ही प्रशासन को जलमार्गों के निर्माण पर सीधा नियंत्रण रखने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह कार्य गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
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