23/06/2025

राज्य का कौशल विभाग समय की आवश्यकता को समझते हुए कर रहा है मार्गदर्शन : राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

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रतन टाटा महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विद्यापीठाचा दुसऱ्या वर्धापन दिनाचा समारोप (2)

राज्य का कौशल विभाग समय की आवश्यकता को समझते हुए कर रहा है मार्गदर्शन : राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

रतन टाटा महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय की दूसरी वर्षगांठ का समापन

मुंबई, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि रतन टाटा महाराष्ट्र कौशल विश्वविद्यालय समय की आवश्यकता को समझते हुए छात्रों को प्रशिक्षित कर पूरी दुनिया में भारतीय कुशल मानव संसाधन उपलब्ध करा रहा है, यह गर्व का विषय है। वे विश्वविद्यालय की दूसरी वर्षगांठ के समापन समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे।

एल्फिन्स्टन टेक्निकल हाईस्कूल में आयोजित इस समारोहमें राज्यपाल श्री राधाकृष्णन अध्यक्ष थे। इस अवसर पर कौशल,  रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, विभाग की अपर मुख्य सचिव मनीषा वर्मा, विश्वविद्यालय की कुलगुरु डॉ. अपूर्वा पालकर, एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. टी. जी. सिताराम, राज्यपाल के सचिव डॉ. प्रशांत नारनवरे, व्यवसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण संचालनालय की निदेशिका माधवी सरदेशमुख, कौशल विभाग आयुक्त नितीन पाटील सहित अन्य मान्यवर उपस्थित थे।

राज्यपाल ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंजीनियरिंग, कॉमर्स और मीडिया जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत की है, जो अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ पारंपरिक कौशल से आगे बढ़कर नई पीढ़ी को तैयार करना जरूरी है, इसके लिए शिक्षकों को भी नई सोच के साथ प्रशिक्षण देना होगा। इस दिशा में कुलगुरु डॉ. अपूर्वा पालकर के योगदान की भी सराहना की।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया गया है, उसमें ‘स्किल इंडिया’ अभियान की महत्वपूर्ण भूमिका है। विदेशी भाषाओं का ज्ञान इस वैश्विक कौशल के लिए जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा छात्रों को जर्मन भाषा सिखाने का निर्णय सराहनीय है। राज्यपाल ने छात्रों से कम-से-कम एक विदेशी भाषा सीखने की अपील की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में वैश्विक स्तर पर मानव संसाधन की आपूर्ति की पूरी क्षमता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) कौशल विकास, भारतीय मूल्य और एकीकृत शिक्षा पद्धति पर आधारित है। मुख्यधारा की शिक्षा में कौशल को शामिल करने से वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस दिशा में रतन टाटा महाराष्ट्र कौशल विश्वविद्यालय ने AI, रियल एस्टेट, सेवा क्षेत्र और औद्योगिक प्रबंधन में हजारों छात्रों को प्रशिक्षित करने की पहल की है।

कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्यपाल हमारे लिए ऊर्जा का स्रोत हैं और उनके सहयोग से विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

कुलगुरु डॉ. अपूर्वा पालकर ने वर्तमान में चल रहे पाठ्यक्रमों और मुंबई, नवी मुंबई, पुणे और नागपुर केंद्रों पर हो रहे उपक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के स्नातक विश्व स्तर पर अपने भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पनवेल में शीघ्र ही एक आधुनिक विश्वविद्यालय भवन का निर्माण किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव मनीषा वर्मा ने बताया कि राज्य के युवाओं को जर्मनी में रोजगार दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यहां छात्रों को सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है, जिससे उद्योगों में इनकी मांग बढ़ेगी। विदेशी कंपनियों के साथ करार प्रक्रिया प्रगति पर है, और यह विश्वविद्यालय एक वैश्विक ब्रांड के रूप में उभरेगा।

समापन समारोह में राज्यपाल के हाथों शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। आदर्श प्राध्यापक संदीप जैन,  आदर्श युवा प्राध्यापक अनिरुद्ध चव्हाण, प्रशासकीय उत्कृष्ट कार्य के लिए मीना श्रीमाली, ग्रंथपाल मीनाक्षी पाटील और संत गाडगेबाबा स्वच्छ भारत कौशल प्रबोधिनी का पुरस्कार दीप्ति जाधव को प्रदान किया गया।

उत्कृष्ट स्टार्टअप श्रेणी में वैष्णवी कोठावडे को 1 लाख, साक्षी पारेख को 2 लाख और विष्णुदास विश्वकर्मा को 3 लाख का पुरस्कार राज्यपाल के हाथों प्रदान किया गया।

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