30/06/2025

धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का दिया जाएगा बोनस : उपमुख्यमंत्री अजित पवार

Ajeet Pawar

धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का दिया जाएगा बोनस : उपमुख्यमंत्री अजित पवार

महाराष्ट्र राज्य लॉटरी के माध्यम से राज्य की आय बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों की गठित की गई समिति

 

मुंबई, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

राज्य में धान उत्पादक किसानों के पीछे सरकार पूरी मजबूती से खड़ी है। धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर दो हेक्टेयर की सीमा तक 20 हजार रुपये का बोनस दिया जाएगा, यह घोषणा राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने की है। उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्त विभाग की चर्चा के  उत्तर में यह जानकारी दी है।

उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने कहा कि इस बोनस का लाभ पूर्वी विदर्भ क्षेत्र के धान उत्पादक किसानों को बड़े पैमाने पर होगा। इस वित्तीय सहायता का वितरण जल्दी ही किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य की सकल आय 49 लाख करोड़ 39 हजार है। राज्य का राजस्व घाटा एक फीसदी के भीतर है। राज्य का व्यय 77.26 प्रतिशत तक पहुंच गया है। सरकार का लक्ष्य अगले वर्ष 2025-26 तक 100 फीसदी राजस्व एकत्र करना है। सरकार राज्य का राजस्व बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। महाराष्ट्र राज्य लॉटरी के माध्यम से भी इस बारे में प्रयास किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य लॉटरी के माध्यम से राजस्व बढ़ाने के लिए केरल की तर्ज पर उपाय सुझाने के लिए जनप्रतिनिधियों की एक समिति गठित की जाएगी। इस समिति के अध्यक्ष सदस्य सुधीर मुनगंटीवार होंगे। यह समिति गठित होने के एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

धान खरीदी के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि इस संबंध में 31 मार्च तक बैठक की जाएगी। धान खरीदी में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार हर संभव कार्यवाही करेगी। ग्राम विकास विभाग के माध्यम से गांवों में सड़कों के निर्माण के लिए निधि (फंड) उपलब्ध कराई जाएगी। इस में किसी भी प्रकार की निधि की कमी नहीं होने दी जाएगी।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में वित्त विभाग के लिए 1 लाख 84 हजार 287 करोड़ रुपये की बजट मांगों को मंजूरी दी गई है।  इसके अलावा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए 13 हजार 810 करोड़ 67 लाख 59 हजार रुपये, नियोजन विभाग के कार्यक्रम खर्च के लिए 7 हजार 887 करोड़ 45 लाख रुपये, अनिवार्य खर्च के लिए 206 करोड़ 56 लाख रुपये और जिला वार्षिक योजनाओं के कार्यक्रम के तहत 20 हजार 165 करोड़ रुपये की अनुदान मांगों को मंजूर किया गया है।

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