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अस्तित्व उत्कर्ष बाज़ार-महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक अवसर

अस्तित्व उत्कर्ष बाज़ार-महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक अवसर

अस्तित्व उत्कर्ष बाज़ार-महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक अवसर

अस्तित्व उत्कर्ष बाज़ार-महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक अवसर

हड़पसर, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
अस्तित्व कला मंच द्वारा आयोजित अस्तित्व उत्कर्ष बाजार शॉपिंग फेस्टिवल का उद्घाटन प्रसिद्ध वास्तुकार आनंद पिंपलकर के शुभ हाथों किया गया। यहां सामाजिक कार्यकर्ता सोनल तुपे, गौरी ढोले पाटिल, पूर्व नगरसेविका उज्ज्वला जंगले, पद्मा ससाणे, प्रसिद्ध रेडियो जॉकी आर.जे. बंड्या के साथ-साथ मराठी फिल्म उद्योग के अभिनेता उपस्थित थे ।

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक मजबूत कदम अस्तित्व कला मंच द्वारा आयोजित अस्तित्व उत्कर्ष बाजार शॉपिंग फेस्टिवल के माध्यम से उठाया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों और घरेलू उद्योगों के माध्यम से उत्पादित वस्तुओं के लिए बाजार प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। मेगा सेंटर हड़पसर में आयोजित प्रदर्शनी में चकली, चिवड़ा, लड्डू, चॉकलेट मोदक के साथ ही साड़ी, कृत्रिम आभूषण, एक ग्राम आभूषण, पेंटिंग, आयुर्वेदिक उत्पाद जैसी विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बिक्री के लिए रखी गई थीं।

इस प्रदर्शनी को स्थानीय नागरिकों से बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला। महिला स्टॉलधारकों का व्यवसाय अच्छा रहा क्योंकि ग्राहकों ने बड़ी मात्रा में खरीदारी की, जिससे वे बहुत खुश हुईं। एक दिन के लिए आयोजित यह प्रदर्शनी महिला उद्यमियों के लिए आय सृजन और व्यवसाय विस्तार का एक बड़ा मंच साबित हुई।

अस्तित्व कला मंच के सदस्यों ने कहा, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी ऐसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। प्रमुख उद्देश्य महिलाओं के लिए व्यवसाय के अवसर और आय के स्रोत, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना, प्रसिद्ध गणमान्य व्यक्तियों एवं कलाकारों की भागीदारी और शानदार ग्राहक प्रतिक्रिया यह अस्तित्व कला मंच द्वारा आयोजित अस्तित्व उत्कर्ष बाजार शॉपिंग फेस्टिवल का था।

इस पहल को सफल बनाने के लिए अस्तित्व कला मंच के संस्थापक योगेश गोंधले, डॉ.अश्विनी शेंडे, श्रुतिका चौधरी, विश्वस्त दीपक कुदले, अश्विनी सुपेकर व संस्था के सदस्य सुदीप कुदले, श्वेता कुंजीर, आरती आदमाने, अपेक्षा इंगोले, रूपाली पाबले, नीता तारू, स्वाती कुदले व संस्था के अन्य सदस्यों ने अथक परिश्रम किया।

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