01/08/2025

महाकुंभ के आयोजन में  रेलवे की रही अग्रणी भूमिका

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महाकुंभ के आयोजन में  रेलवे की रही अग्रणी भूमिका

तीर्थयात्रियों ने 14 हजार से ज्यादा ट्रेनों का लिया लाभ

रेलवे द्वारा 3.6  करोड़ श्रद्धालुओं को कुंभ एरिया में हैंडल किया गया 

92% ट्रेनें मेल, एक्सप्रेस, सुपर-फास्ट, पैसेंजर और मेमू श्रेणी की रहीं, जबकि 472 राजधानी और 282 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हुईं

50% ट्रेनें उत्तर प्रदेश से शुरू हो के प्रयागराज एरिया को आयी 

 दिल्ली से 11%, बिहार से 10% और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान व गुजरात जैसे अन्य राज्यों से 3-6% ट्रेनें आईं  

नई दिल्ली, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया, लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका नि:संदेह अग्रणी रही है। इस विशाल आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है, बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है।
 महाकुंभ अब समापन की ओर है । एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ माह के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ किसी न किसी रूप में उठाया। दूसरे शब्दों में महाकुंभ के लिए जाने वाले करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या आसपास के प्रमुख शहरों तक पहुंचने के लिए ट्रेनों की ही मदद ली।
इस बार प्रयागराज के महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को पूरा करने में रेलवे ने आगे बढ़कर भूमिका निभाई। यह बताने की जरूरत नहीं कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले अपने देश में रेलवे पर कितना दवाब है। ऐसे में महाकुंभ के आयोजन से बहुत पहले से ही रेलवे अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया था।  इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ के दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं।
यह आंकड़ा थोड़ा विस्मित भी करता है कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13,667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3,468 विशेष ट्रेनों की शुरुआत कुंभ एरिया से की गई तथा  2008 विशेष ट्रेनों कुंभ एरिया में बाहर से आयी। बाक़ी  8,211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार ट्रेनें का लाभ श्रद्धालुओं को मिला ।

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