देशहित और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक का प्रभावी उपयोग करें : मेजर जनरल के. के. चक्रवर्ती
देशहित और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक का प्रभावी उपयोग करें : मेजर जनरल के. के. चक्रवर्ती
बेंगलुरु का दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बना ‘एआईटी’ द्वारा आयोजित ‘इनर्व 9.0’ राष्ट्रीय हैकाथॉन का विजेता
पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) के ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर क्लब द्वारा आयोजित ‘इनर्व 9.0’ भारत के सबसे बड़े छात्र-प्रेरित राष्ट्रीय हैकाथॉन का विजेता बेंगलुरु स्थित दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम बनी। विवेक अग्रवाल, नमन पार्लेचा, भुवन एम. और मोहित नागराज की टीम ने ओपन इनोवेशन श्रेणी में ‘लुमिनोसिटी’ परियोजना प्रस्तुत कर जीत हासिल की। विजेता टीम को 1,25,000/- नकद पुरस्कार और सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
इस हैकाथॉन में आलंदी स्थित एमआईटी एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के पारस सातपुते और झाकी शहापूरे की ‘पीएडब्ल्यूएस’ टीम को दूसरा स्थान मिला, जबकि वाघोली स्थित जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के शाहिद शेख, अरमान कादरी, डोलार जैन और तरुण शिखवाल की ‘स्टार्कटेक मावेरिक्स’ टीम को तीसरा स्थान मिला। दूसरे स्थान की टीम को 75,000/, वही तीसरे स्थान की टीम को 50,000/- का पुरस्कार मिला।
‘एआईटी’ के चेयरमैन मेजर जनरल के. के. चक्रवर्ती के हाथों हैकाथॉन का पुरस्कार वितरण किया गया। इस अवसर पर ‘एआईटी’ के निदेशक ब्रिगेडियर अभय भट, सह-निदेशक कर्नल एम. के. प्रसाद, प्राचार्य डॉ. बी. पी. पाटिल, ब्रिगेडियर राजीव सिंह, गौतम रेगे, क्लब की फैकल्टी इंचार्ज प्रो. वैशाली इंगले, प्रो. कुलदीप हुले सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मेजर जनरल के. के. चक्रवर्ती ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, हैकाथॉन जैसे कार्यक्रम नवाचार, रचनात्मकता, विचारशीलता और टीम वर्क को बढ़ावा देते हैं। ‘एआईटी’ के छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर बहुत अच्छी तरह इस हैकाथॉन का आयोजन किया। तकनीक एक दोधारी तलवार है, इसलिए इसका उपयोग अच्छे कार्यों के लिए होना चाहिए। विद्यार्थियों को देशहित में और समाज की समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक का प्रभावी उपयोग करना चाहिए।
ब्रिगेडियर अभय भट ने कहा, प्रतियोगिता में जीतना-हारना महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि इसमें भाग लेकर नवीनता का अनुभव लेना जरूरी है। ‘इनर्व 9.0’ सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि युवा तकनीकी विशेषज्ञों को उद्योग जगत के अनुभव, मार्गदर्शन और नवाचार के अवसर प्रदान करने वाला मंच है। इससे छात्रों को चुनौतियों को समझने और उनके समाधान खोजने की प्रेरणा मिलती है।
इस हैकाथॉन को जोश सॉफ्टवेयर, उड़चलो, क्लाउडफ्लेयर, अकॉप्स, सहाना सिस्टम्स जैसी प्रमुख कंपनियों का सहयोग मिला। शिक्षा और उद्योग जगत की साझेदारी को मजबूत करने में यह हैकाथॉन एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। प्रतियोगिता में भारतभर से 9,500 से अधिक छात्र, 2,500 से अधिक टीमों के रूप में शामिल हुए। इनमें से 31 टीमों ने अंतिम चरण में प्रवेश किया और वास्तविक समस्याओं पर नवाचारी समाधान प्रस्तुत किए।
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर क्लब के छात्र सचिव कौशल व्यास और दीपशिखा रावत के नेतृत्व में अन्य सहयोगियों ने इस हैकाथॉन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन सोहेला कौर और अनमोल सिंह राठौड़ ने किया।
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