हड़पसर में समान जलापूर्ति योजना की आंशिक योजनाओं को तत्काल पूरा करें अन्यथा तीव्र जनांदोलन : पल्लवी प्रशांत सुरसे
हड़पसर में समान जलापूर्ति योजना की आंशिक योजनाओं को तत्काल पूरा करें अन्यथा तीव्र जनांदोलन : पल्लवी प्रशांत सुरसे
प्रशासन को मीटर लगाने की जल्दी क्यों?
हड़पसर, दिसंबर (हड़सपर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे महानगरपालिका के हड़पसर परिसर के नागरिक असमय और कम दबाव से होनेवाली पानी की आपूर्ति से परेशान हो गए हैं। हड़पसर परिसर में जलापूर्ति योजना की 6 योजनाएं अधूरी हैं, इसके चलते इस परिसर में पानी की बड़ी समस्या हो गई है, इसलिए हड़पसर परिसर में समान जलापूर्ति योजना की 6 आंशिक योजनाओं को तत्काल पूरा किया जाए और हड़पसर को टैंकर को मुक्त किया जाए। यह मांग कांग्रेस पार्टी की पुणे शहर महिला उपाध्यक्षा पल्लवी प्रशांत सुरसे ने पुणे महानगरपालिका के आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले से की है।
जलापूर्ति की समस्या को लेकर त्रस्त हड़पसर की जनता को हो रही मुश्किलों और दिक्कतों से पुणे महानगरपालिका के आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले को अवगत कराने के लिए गत गुरुवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उक्त समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर यहां पूर्व विधायक मोहन जोशी, कांग्रेस पार्टी ओबीसी सेल के पुणे शहर अध्यक्ष प्रशांत सुरसे, नंदकुमार अजोतीकर, सचिन नेमकर, गणेश जगताप, ऋषभ रणदिवे, संदेश भडकुंबे आदि उपस्थित थे।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उपाध्यक्षा पल्लवी प्रशांत सुरसे ने बताया कि पुणे मनपा की सीमा में करीब 60 सालों से हड़पसर गांव, गाड़ीतल शामिल हैं और सातववाडी, गोंधलेनगर, 15 नंबर, लक्ष्मी कालोनी, आकाशवाणी, विट्ठलनगर, ससाणेनगर, कालेबोराटेनगर परिसर को वर्ष 1997 में पुणे मनपा की सीमा में शामिल किया गया है। हालांकि, आज भी इन सभी परिसर में सुबह 4 बजे कम दबाव से अनियमित जलापूर्ति हो रही है और कुछ परिसर में तो महज एक घंटे ही जलापूर्ति हो रही है। हड़पसर के नागरिक करोड़ों रुपए का टैक्स चुका रहे हैं, लेकिन इसके बदले में नागरिकों को सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। पिछले 27 वर्षों से केवल एक घंटा ही पानी मिलने से नागरिक विशेषकर महिलाएं गुस्से में हैं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद ये जलापूर्ति योजनाएं पिछले छह-सात वर्षों से आधी-अधूरी स्थिति में हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नगर पालिका जलापूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं की उपेक्षा कर रही है। अनेक आन्दोलन करने के बावजूद भी इस क्षेत्र को पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। अभी भी यह परिसर टैंकर मुक्त नहीं है, यह मामला निषेधार्थ है।
अंत में उन्होंने कहा कि जब वही समान जलापूर्ति योजना अधूरी है तो प्रशासन को ये मीटर लगाने की जल्दी क्यों है? ऐसा आक्रोशपूर्ण प्रश्न नागरिकों में निर्माण हो रहा है।
हालाँकि, जब तक ये योजनाएँ पूरी नहीं हो जातीं, तब तक मीटर लगाना बंद कर दिया जाना चाहिए। साथ ही उपरोक्त सभी परियोजनाओं का स्वयं निरीक्षण कर इस जलापूर्ति योजना के लंबित कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही हड़पसर परिसर में पानी की कमी की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए और इस परिसर को टैंकरों से मुक्त किया जाना चाहिए अन्यथा भविष्य में नागरिकों की ओर से तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
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