हड़पसर, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
महानगरपालिका प्रशासन पानी की एक-एक बूंद बचाना भूल गया है। हड़पसर की तुकाईटेकड़ी की जलवाहिनी पिछले सप्ताह फुटने से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत महानगरपालिका प्रशासन से की, लेकिन उनकी ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उपनगर और नए शामिल किए गए गांवों के निवासियों को अब भी टैंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है। बार-बार कहा जा रहा है कि इस साल बारिश की कमी से जल संकट पैदा होगा। वहीं दूसरी ओर वॉल्व व जर्जर पाइप के कारण प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, जिसे दुरुस्त करने में प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं। शिकायत करो तो कोई ध्यान नहीं देता। शहरों और उपनगरों में सार्वजनिक नलों में चाबियाँ नहीं हैं, सार्वजनिक शौचालयों में पानी की बर्बादी हो रही है। कोई इस ओर ध्यान देगा? यह सवाल पूर्व सरपंच निवृत्ति बांदल, सुभाष घुले, राजेंद्र भिंताडे, सुभाष टकले के साथ अनेक नागिरकों ने उपस्थित किया है।

मानवतावादी समाजसेवा संघटना के सचिव अशोक जाधव ने बताया कि पिछले सप्ताह ग्लाइडिंग सेंटर में एयरवॉल फटने से पानी के फव्वारे उड़ रहे थे। वहां भी सैकड़ों लीटर पानी भी बर्बाद हो गया। एक तरफ जहां नागरिकों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ महानगरपालिका प्रशासन की अकुशलता के कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। यदि आप शिकायत करते हैं तो जलापूर्ति विभाग, लश्कर, स्वारगेट, हड़पसर को शिकायत करने के लिए कहकर खो-खो का खेल खेला जा रहा है। आम नागरिक तरसते हैं, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि महानगरपालिका प्रशासन के अधिकारी इस बारे में कुछ नहीं सोचते, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस बीच महानगरपालिका लश्कर जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला।

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