यशदा अधिकारी डॉ. बबन जोगदंड को मिली दूसरी बार पीएचडी, अब तक 25 डिग्रियां व डिप्लोमा!
यशदा अधिकारी डॉ. बबन जोगदंड को मिली दूसरी बार पीएचडी, अब तक 25 डिग्रियां व डिप्लोमा!
नांदेड/पुणे, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
नांदेड़ के भूमिपुत्र तथा यशदा पुणे के अधिकारी डॉ. बबन जोगदंड ने दूसरी बार स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा नांदेड़ विश्वविद्यालय से ‘लोक प्रशासन’ में पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
डॉ. बबन जोगदंड ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य में कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने राज्य में कार्यरत अधिकारियों की श्रेणी में सर्वाधिक डिग्री, डिप्लोमा प्राप्त करने का गौरव प्राप्त किया है। अब तक वह 25 विषयों में डिग्री और डिप्लोमा हासिल कर चुके हैं। उन्होंने 6 विषयों में एम.ए. किया है। इसके अलावा एलएलबी, एमबीए, एम.एससी (मनोविज्ञान) एम.एम.सी.जे. जनसंचार एवं पत्रकारिता में प्रमुख डिग्रियाँ प्राप्त की हैं। देगलूर महाविद्यालय के लोकप्रशासन केंद्र के विभाग प्रमुख संशोधक डॉ. बालाजी कत्तुरवार के मार्गदर्शन में ‘लोकप्रशासन’ विषय में ‘महाराष्ट्र के लोक प्रशासन में यशदा का योगदान’ विषय में अनुसंधान करके उन्होंने स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में प्रबंध प्रस्तुत किया था। उसे स्वीकृत कर लिया गया और उन्हें दूसरी पीएचडी डिग्री प्राप्त हुई।
इससे पहले पत्रकारिता में 2013 में औरंगाबाद के डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठा विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। अब उन्हें दूसरी बार यह पीएचडी मिली है। डॉ. बबन जोगदंड ने सीखने का जुनून होने के कारण पढ़ाई का एक भी साल बाधित नहीं होने दिया। वह नांदेड़ जिले के हदगांव तालुका के सावरगांव माल के निवासी हैं। पिछले बीस वर्षों से वह महाराष्ट्र सरकार के शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान यशदा में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, जो महाराष्ट्र में अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करता है। वह यशदा की लोकप्रिय पत्रिका ‘यशमंथन’ के संपादक भी हैं। इससे पहले उन्होंने दस साल तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया है। मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म परीक्षा में उन्हें ‘संपादकीय लेखन’ में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए पीजी रंजनीकर पुरस्कार मिला था। उन्होंने राज्य में कला, साहित्य, शिक्षा, सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्हें अब तक देश-विदेश में सौ से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। शिक्षा एवं समाज के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें दो बार महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। राज्य सरकार के डॉ. अम्बेडकर चरित्र प्रकाशन साधना समिति और बाल भारती के भी वे सदस्य हैं। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम बोर्ड में सदस्य के रूप में भी काम किया है। राज्य में उनका जनसंपर्क बहुत अच्छा है और उन पर ‘मानवीय संबंधों के बादशाह’ नामक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। इसमें राज्य के कई चार्टर्ड अधिकारियों ने उनके काम की सराहना की है।
डॉ. बबन जोगदंड एक अच्छे वक्ता, लेखक, शोधकर्ता, व्याख्याता, सूत्र संचालक और आंदोलन कार्यकर्ता भी हैं। उनकी अब तक दस पुस्तकें प्रकाशित की हैं और कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। उन्होंने कई विषयों पर व्याख्यान भी दिए हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों का मार्गदर्शन भी करते हैं। दूसरी बार ‘लोक प्रशासन’ में पीएचडी की सर्वोच्च डिग्री प्राप्त करने के लिए उन्हें व्यापक रूप से बधाई और सराहना मिल रही है।
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