24/06/2025

विश्व की सबसे बड़ी 16,000 मेगावाट की विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा परियोजना

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विश्व की सबसे बड़ी 16,000 मेगावाट की विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा परियोजना
किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुभारंभ

मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली की आपूर्ति के लिए राज्य में बनने वाली 16,000 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना के पहले पांच सौर पार्कों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाशिम जिले के पोहरादेवी में किया।

इस अवसर पर राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय पंचायत राज मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, उप मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ और कृषि मंत्री धनंजय मुंडे उपस्थित थे।

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सौर ऊर्जा के माध्यम से उत्पादित बिजली से कृषि फीडरों को चलाने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान अर्थात पीएम कुसुम योजना के आधार पर राज्य में मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 योजना लागू की जा रही है। वर्तमान में 9200 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना का निर्माण चल रहा है और सितंबर 2025 तक चरणों में पूरा हो जाएगा। इनमें से धोंदलगांव (छत्रपति संभाजीनगर जिला), बामनी बुद्रक (नांदेड़ जिला), हरोली (कोल्हापुर जिला), जलालाबाद (अकोला जिला), पल्शी बुद्रुक (बुलढाणा जिला) की कुल 19 मेगावाट क्षमता वाली पहली पांच परियोजनाओं का आज उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री द्वारा सौर ऊर्जा प्रकल्पों मे सहायता करने वाली 411 ग्रामपंचायतों को 20.55 करोड़ रुपये की विकास निधि ऑनलाइन दी गई।

इसके अलावा 4800 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उनके कार्यादेश भी दिये जा चुके हैं। कुल 16,000 मेगावाट क्षमता वाली सभी परियोजनाएं मार्च 2026 तक पूरी हो जाएंगी और राज्य में कृषि के लिए पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर उत्पादित बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इस योजना में एक ही उद्देश्य के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएँ स्थापित की जा रही हैं और यह विकेंद्रीकृत तरीके से दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना है। योजना के अनुसार राज्य में किसानों के लिए एक स्वतंत्र बिजली उत्पादन कंपनी की स्थापना की गई है।

अप्रैल 2023 में, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 की मंजूरी के बाद, राज्य के ऊर्जा विभाग और महावितरण ने केवल ग्यारह महीनों में 40,000 एकड़ सार्वजनिक भूमि उपलब्ध कराई, सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की, बिजली खरीद समझौते किये, बिजली उपकेंद्रों की क्षमता में वृद्धि का काम किया और 9200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए डेवलपर्स को पत्र देने का काम किया। डेवलपर्स को ऑर्डर दिए जाने के केवल छह महीने में, 19 मेगावाट क्षमता की पांच परियोजनाएं शुरू की गईं। इन परियोजनाओं का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा आज किया गया।

वर्तमान में किसानों को कृषि पंपों के लिए दिन और रात दो शिफ्टों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। उनकी मांग है कि केवल दिन में ही विश्वसनीय बिजली आपूर्ति की जाये। पीएम कुसुम अर्थात मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 किसानों की मांग को पूरा करेगी। इस योजना में किसानों को सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सालाना सवा लाख रुपये प्रति हैक्टर दर से जमीन किराये पर देने की भी सुविधा है।

इस योजना में निजी निवेशकों द्वारा कुल 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वर्तमान दर 8.50 रुपये प्रति यूनिट के बजाय 3 रुपये प्रति यूनिट की औसत दर पर बिजली उपलब्ध होगी, इसलिए बिजली खरीद में प्रति वर्ष 10,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे राज्य सरकार पर सालाना 4500 करोड़ रुपये की सब्सिडी का और उद्योगों पर 13000 करोड़ रुपये की क्रॉस सब्सिडी का बोझ खत्म हो जाएगा। साथ ही हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण की रक्षा में मदद मिलेगी।

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