‘महिला आयोग आपके द्वार’ पुणे में तीन दिन में 305 शिकायतों की सुनवाई की गई
पुणे, अप्रैल (जिमाका)
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की ‘महिला आयोग आपके द्वार’ पहल के तहत आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रुपाली चाकणकर ने पुणे जिले के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान लगातार तीन दिनों तक की गई जनसुनवाई में जिले में 305 शिकायतों पर कार्रवाई की गई। सभी व्यवस्थाओं के साथ महिलाओं को उनके ही जिले में न्याय दिलाने की आयोग की भूमिका है। यह जानकारी श्रीमती चाकणकर ने दी है।
राज्य महिला आयोग की ओर से 15 से 17 अप्रैल तक पुणे जिले का दौरा किया गया। भौगोलिक दृष्टि से जिला बड़ा होने से 15 अप्रैल को पुणे शहर के लिए सुनवाई आयोजित की गई। इस समय 123 शिकायतों पर कार्रवाई की गई। 16 अप्रैल को पुणे ग्रामीण के लिए आयोजित सुनवाई में 87 शिकायतें आईं तो 17 अप्रैल को पिंपरी चिंचवड़ के लिए आयोजित सुनवाई में 95 शिकायतों पर कार्रवाई की गई। पिछले तीन दिनों में कुल 305 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। आयोग की अध्यक्षा के साथ सदस्य सचिव श्रीमती नंदिनी आवडे ने इस दौरे में भाग लिया।
इस बारे में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रूपाली चाकणकर ने कहा, आयोग का मुख्यालय मुंबई में है। राज्य के सभी कोनों से महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और अन्य विभिन्न कारणों से मुंबई आने में असमर्थ हैं। फिर आयोग स्वयं सभी व्यवस्थाओं के जिलास्तर पर जाकर उनकी शिकायतें सुनता है और सहायता प्रदान करता है। जनसुनवाई में मेरे साथ जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, विधिक सेवा अधिकारी जैसी विभिन्न प्रणालियां उपस्थित रहने से उसी स्थान पर महिलाओं की सहायता की जाती है। पिछले तीन दिनों में, पुणे जिले में जो शिकायतें आईं, उनमें बड़ी संख्या में पारिवारिक झगड़े और विवाद की शिकायतें आईं। इसके बाद कार्यस्थल पर परेशानी, वित्तीय धोखाधड़ी जैसी शिकायतें आईं। आयोग उस जीवन को फिर से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करता है जो महिलाओं, पतियों और परिवार को परामर्श देने के कगार पर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं को कानूनी सलाह मिल रही है और पुलिस से तत्काल मदद मिल रही है, उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
‘महिला आयोग आपके द्वार‘ के तहत जनसुनवाई के बाद जिले की समीक्षा बैठक आयोजित की जाती है। महिलाओं के मुद्दे, उनके समाधान के लिए उपाय योजना, महिलाओं के लिए लागू की गई योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा प्रशासन, पुलिस, कर्मचारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन आदि विभागों द्वारा की जाती है और आयोग के माध्यम से निर्देश दिए जाते हैं।
पुणे में हुई समीक्षा बैठक में चैरिटेबल अस्पतालों में दर्शनी स्थानों पर बोर्ड सामने लगाने चाहिए, कार्यस्थल पर आंतरिक समिति की स्थापना, बाल विवाह को रोकने के लिए उपचारात्मक योजना, स्कूलों में दामिनी टीम को लगातार दौरा करना चाहिए। यह निर्देश आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रूपाली चाकणकर ने संबंधित विभागों को दिए हैं।
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