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अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे में आयोजित किया गया इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी पर 6 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे में आयोजित किया गया इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी पर 6 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे में आयोजित किया गया इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी पर 6 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे में आयोजित किया गया इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी पर 6 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

कोंढवा, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पर छठा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे में आयोजित किया गया था।
अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे ने आईएसटीई और आई प्रबंधक प्रकाशनों के सहयोग से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पर 6 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन विज्ञान व प्रौद्योगिकी एसपीपीयू के डीन डॉ. प्रमोद पाटिल एवं केजेईआई संस्थान के अध्यक्ष श्री कल्याण जाधव के शुभ हाथों किया गया। इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरू डॉ. पराग कालकर ने ऑनलाइन तकनीक का उपयोग करते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं।

विज्ञान व प्रौद्योगिकी एसपीपीयू के डीन डॉ. प्रमोद पाटिल डॉ. प्रमोद पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाना और 21वीं सदी में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ व्यक्तियों को सशक्त बनाना है।

छात्रों द्वारा अनुसंधान करना आवश्यक है। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसी शोध संस्कृति आवश्यक है। यह विचार केजेईआई संस्थान के अध्यक्ष श्री कल्याण जाधव ने व्यक्त किए।

इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों से उद्यमिता को बढ़ावा मिलता है और इसमें भारत व अन्य देशों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से 106 शोधकर्ताओं ने भाग लिया। ऐसा ट्रिनिटी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभिजीत औटी ने बताया।

एसजीजीएसआईआईईएंडटी नांदेड़ के निदेशक डॉ. मनेश कोकरे ने अनुसंधान वित्तपोषण योजनाओं और प्रभावी प्रस्ताव लेखन के विषय पर मार्गदर्शन किया।

हर किसी को स्वस्थ और तंदुरुस्त जीवनशैली के प्रति प्रेरित होने की जरूरत है। नियमित कसरत न केवल शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ाता देती है बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मकता भी बढ़ाती है। यह विचार गुरुगोविंद सिंहजी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी नांदेड़ के निदेशक डॉ. मनेश कोकरे ने व्यक्त किए।

डॉ. परीक्षित महाले ने इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के लिए व्याख्यात्मक कृत्रिम बुद्धिमत्ता विषय पर मार्गदर्शन दिया।
टोन डक थांग विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी विभाग के उन्नत अध्ययन संस्थान के ले गुयेन मिन्ह थांग ने गैस संवेदन अनुप्रयोगों के लिए एमएक्सईएनई सामग्रियों पर कम्प्यूटेशनल और प्रायोगिक अध्ययनों का एक संयोजन पर व्याख्यान दिया।

106 पेपर प्रस्तुतिकरण के साथ-साथ अपने विचार भी व्यक्त किए। इसमें भारत और अन्य देशों से शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों, पीएचडी शोधार्थियों, स्नातक (यूजी) और परास्नातक-स्नातकोत्तर (पीजी) शोधकर्ताओं ने भाग लिया। महाविद्यालय ने पेपर का मूल्यांकन करने के लिए वरिष्ठ विश्लेषकों, वरिष्ठ सलाहकारों को आमंत्रित किया था।

डॉ. मनोज तारंबले, डॉ. कीर्ति वांजले, डॉ. सचिन साखरे, डॉ. सुनील काले उपस्थित थे। महाविद्यालय के सभी छात्र और शिक्षकों ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का दौरा किया। आईसीईटी-2025 में बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं ने भाग लिया।

केजेईआई के कार्यकारी निदेशक समीर कल्ला, तकनीकी निदेशक डॉ. अजय फुलंबरकर, डीन छात्र और विकास, डॉ. देशमुख के साथ शाखा प्रमुख डॉ. शुभांगी हंडोरे, डॉ. जयश्री सत्रे, डॉ. गीतिका नारंग, प्रो. विजय शिंगाड़े, प्रो. प्रतीक आकारते और प्रो. महेंद्र हंडोरे, शोधकर्ता, उद्योग विशेषज्ञ और छात्र उपस्थित थे।

प्रो. प्रांजली देशमुख (ई एंड टीसी), डॉ. सुजीत मोरे (कंप्यूटर) प्रो. प्रवीण पाटिल (आईटी) प्रो. प्रसाद फड (इलेक्ट्रिकल) प्रो. समीना काजी (सिविल) डॉ. महासिधा बिराजदार (मैकेनिकल) डॉ. अमोल देशमुख, प्रो. मनोज खराडे, प्रो. प्रसाद भोसले, प्रमिला मैडम, दीप्ति मैडम और स्नेहल मैडम के साथ-साथ ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सभी कर्मचारियों के सहयोग के कारण इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पर छठा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बहुत सफल रहा।

आईसीईटी-2025 की निमंत्रणदाता एवं अनुसंधान एवं विकास की अधिष्ठाता डॉ. प्रतिभा चव्हाण ने कार्यक्रम का संचालन किया। इसके अलावा शाखा प्रमुख (आईटी) डॉ. विलास गायकवाड़ और आईसीईटी-2025 के संयोजक ने आभार प्रदर्शन किया।

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