राहुल गांधी का अनुरोध विशेष अदालत ने किया स्वीकार!
राहुल गांधी का अनुरोध विशेष अदालत ने किया स्वीकार!
पुणे, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे में एमपी एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश श्री अमोल श्रीराम शिंदे के समक्ष लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी के खिलाफ स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की लंदन में बदनाम करने के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर के पंती सत्यकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि के मामले की सुनवाई चल रही है।
लंदन में राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि सावरकर ने अपनी एक किताब में लिखा है कि एक बार हम दोस्त बाहर जा रहे थे और कुछ लोग एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई कर रहे थे, यह देखकर हमें बहुत खुशी हुई। हालांकि, वादी सत्यकी सावरकर का कहना है कि सावरकर ने ऐसा किसी किताब में नहीं लिखा है, इसलिए राहुल गांधी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर को बदनाम किया। इस मानहानि मामले की सुनवाई आज अदालत में हुई।
श्री राहुल गांधी के वकील मिलिंद दत्तात्रेय पवार ने राहुल गांधी की ओर से अदालत में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें ‘समरी ट्रायल’ के बजाय ‘समन ट्रायल’ की मांग की गई थी।
यह मामला कुछ ऐतिहासिक घटनाओं और प्रसंगों पर निर्भर करता है। विनायक दामोदर सावरकर ने स्वतंत्रता प्राप्ति में कितना और कैसे योगदान दिया? विनायक दामोदर सावरकर ने कितनी पुस्तकें लिखी हैं? मुसलमानों के बारे में विनायक दामोदर सावरकर के क्या विचार थे? विनायक दामोदर सावरकर का अंग्रेजों से क्या संबंध था? इस मामले में बचाव पक्ष को कई ऐतिहासिक घटनाओं और संदर्भों पर जिरह करनी होगी। बचाव पक्ष को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और कानून के प्रावधानों के अनुसार मामले की गहन सुनवाई और जिरह करने का अधिकार है, लेकिन यदि इस मामले की सुनवाई ‘समरी ट्रायल’ के रूप में की जाती है, तो बचाव पक्ष गवाहों से व्यापक और गहन तरीके से जिरह नहीं कर पाएगा। यदि मामले की सुनवाई ‘समन ट्रायल’ के रूप में की जाती है, तो बचाव पक्ष को अपना मामला विस्तार से और गहराई से प्रस्तुत करने, समय-समय पर आवश्यक दस्तावेज दाखिल करने तथा आवश्यकता पड़ने पर सरकार से उनका अनुरोध करने की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए, एडवोकेट मिलिंद पवार ने एक आवेदन दायर कर अनुरोध किया था कि इस आपराधिक मामले की सुनवाई इस अदालत में ‘समन ट्रायल’ के रूप में की जाए।
उक्त आवेदन पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायालय के न्यायाधीश श्री अमोल श्रीराम शिंदे द्वारा श्री राहुल गांधी का आवेदन एवं निवेदन स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए अब से इस मामले की सुनवाई नियमित रूप से ‘समन ट्रायल’ के रूप में की जाएगी।
वादी सत्यकी सावरकर द्वारा अदालत में दाखिल सभी दस्तावेज, लंदन में प्रवासी कार्यक्रम में राहुल गांधी के भाषण की सीडी, समाचार पत्र, पुस्तकें और गवाहों के प्रतिज्ञापत्र ये सभी दस्तावेज आज तक बचाव पक्ष को नहीं सौंपे गए हैं।
एडवोकेट मिलिंद पवार ने एक आवेदन दायर कर अदालत से अनुरोध किया है कि वह अभियोजन पक्ष को सुनवाई शुरू होने से पहले मामला बचाव पक्ष को हस्तांतरित करने का आदेश दे। अदालत ने वादी सत्यकी सावरकर से इस पर लिखित टिप्पणी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है।
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