पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानवदर्शन हीरक महोत्सव में होंगे विविध उपक्रम
22 से 25 अप्रैल 2025 तक राज्यव्यापी आयोजन : कौशल्य विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढा
मुंबई, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
“समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचना चाहिए; अंत्योदय के माध्यम से ही लोकतंत्र के उद्देश्य पूर्ण हो सकते हैं,” यह मौलिक विचार पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने प्रस्तुत किया था। उनके एकात्म मानवदर्शन के विचारों पर आधारित पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानवदर्शन हीरक महोत्सव 22 से 25 अप्रैल 2025 तक महाराष्ट्रभर में मनाया जाएगा। इस दौरान राज्यभर में विभिन्न उपक्रम आयोजित किए जाएंगे, इसकी जानकारी कौशल्य विकास, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढा ने दी।
इस महोत्सव की पूर्वतैयारी को लेकर मंत्रालय में मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के कक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कौशल्य विकास मंत्री लोढा के अलावा, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, कौशल्य विकास विभाग की अपर सचिव मनीषा वर्मा, दिव्यांग कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अनिल डिग्गीकर, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव अतुल पाटणे, शालेय शिक्षण विभाग के प्रधान सचिव रणजितसिंह देओल, महिला व बाल विकास विभाग के सचिव अनुप कुमार यादव, आदिवासी विकास विभाग के सचिव विजय वाघमारे और दीनदयाल शोध संस्था के सचिव अतुल जैन उपस्थित थे। राज्य के सभी जिलाधिकारी दूरदृश्य प्रणाली (वीसी) के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
राज्य सरकार ने इस महोत्सव के आयोजन के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानवदर्शन महोत्सव समिति की स्थापना की है, जिसके अध्यक्ष मंत्री लोढा हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मानव कल्याण संबंधी विचार समाज में गहराई से उतरें, इस उद्देश्य से यह महोत्सव देशभर में मनाया जाएगा और इसकी शुरुआत करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य होगा।
विद्यार्थियों तक पंडितजी के विचार पहुंचाने हेतु प्रत्येक जिले में उनके विचारों पर आधारित एक लाख पुस्तिकाएं वितरित की जाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में बचतगट, आंगनवाड़ी और शालाओं में कौशल्य विकास पर विशेष बल दिया जाएगा। गांवों में स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए योजनाएं बनाने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।
मंत्री लोढा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस महोत्सव के माध्यम से सरकारी योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाई जाएं। महिला एवं बाल विकास, शालेय शिक्षा, ग्रामविकास, सांस्कृतिक कार्य, आदिवासी विकास, पर्यावरण और पर्यटन विभाग भी विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से इस महोत्सव में सहभागिता करेंगे।
मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलास्तर पर समितियों का गठन कर राज्य सरकार के मार्गदर्शक निर्देशों के अनुसार महोत्सव को सफल बनाएं।
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