मुकदमेबाजी के कुशल और प्रभावी प्रबंधन के लिए भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश
मुकदमेबाजी के कुशल और प्रभावी प्रबंधन के लिए भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश
भारत सरकार से संबंधित मुकदमों को रोकने, विनियमित करने और कम करने की भारत सरकार की नीति के तहत विधि और न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग (डीएलए) ने “भारत सरकार द्वारा मुकदमों के कुशल और प्रभावी प्रबंधन के लिए निर्देश” तैयार किया है। यह निर्देश कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति (सीओएस) की सिफारिशों के अनुसरण में तैयार किया गया है। यह मध्यस्थता से संबंधित मामलों में केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों, उनके संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों, स्वायत्त निकायों, साथ ही केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) पर लागू होगा।
यह निर्देश सुशासन के लक्ष्य को सुदृढ़ करने, लोक कल्याण सुनिश्चित करने तथा समय पर न्याय प्रदान करने में सहायता के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाता है। इसका उद्देश्य कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने, अनावश्यक मुकदमेबाजी को रोकने, अधिसूचनाओं और आदेशों में विसंगतियों को दूर करने, अनुचित अपीलों को कम करने, मुकदमेबाजी में अंतर-विभागीय समन्वय को सुव्यवस्थित करने, मध्यस्थता मामलों में अधिक सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने और कानूनी प्रक्रियाओं की दक्षता में सुधार और वृद्धि के लिए एक मजबूत ज्ञान प्रबंधन प्रणाली (केएमएस) स्थापित करने के लिए कड़े उपाय शुरू करना है।
निर्देश में उल्लिखित सिफारिशों के कार्यान्वयन की समीक्षा कैबिनेट सचिवालय की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति द्वारा की जाएगी।
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