स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर मानहानि मामला स्थगित
स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर मानहानि मामला स्थगित
पुणे, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे में प्रथम श्रेणी एमपी एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश श्री अमोल श्रीराम शिंदे के समक्ष लोकसभा में विपक्ष के नेता सांसद राहुल गांधी के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को बदनाम करने के लिए मानहानि का मामला चल रहा है।
वादी सत्यकी सावरकर ने मामला दायर करते हुए स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘माझी जन्मठेप’ किताब साथ ही एक पेन ड्राइव और कुछ अखबारों की कतरनें अदालत में पेश की हैं। उन दस्तावेजों की प्रतियां बचाव पक्ष को प्राप्त नहीं हुई हैं।
वे सभी दस्तावेज और ‘माझी जन्मठेप’ पुस्तक बचाव पक्ष को देने के लिए आदेश अदालत ने देना चाहिए। इस तरह की एक अर्जी राहुल गांधी के एडवोकेट मिलिंद दत्तात्रेय पवार ने पिछली सुनवाई में यह याचिका दायर की थी। वादी द्वारा दायर सभी दस्तावेज, पेन ड्राइव और पुस्तक ‘माझी जन्मठेप’ पुस्तक बचाव पक्ष यानी राहुल गांधी के वकील एडवोकेट मिलिंद दत्तात्रेय पवार को दी जाए। यह आदेश न्यायाधीश श्री अमोल श्रीराम शिंदे ने दिया था।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में वादी सत्यकी सावरकर के वकील एडवोकेट संग्राम कोलाटकर ने उपरोक्त सभी दस्तावेज, माझी जन्मठेप पुस्तक पुणे न्यायालय में एडवोकेट मिलिंद पवार को सौंप दी।
उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच व सत्यापन किए बिना मामला आगे नहीं बढ़ पाएगा, क्योंकि सभी दस्तावेजों और पुस्तकों को पढ़ने और उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि करने के बाद ही मामले की नियमित सुनवाई की जा सकती है। इन सभी दस्तावेजों के सत्यापन, प्रामाणिकता और अध्ययन में समय की निश्चित अवधि लगेगी तब तक मामले की सुनवाई स्थगित करने के लिए एक आवेदन राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने अदालत में मामला दायर किया।
इसके अलावा, जैसा कि शिकायत में उल्लेख किया गया है, स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर एक महान लेखक थे। उन्होंने सबसे पहले हिंदुत्व का मुद्दा उठाकर हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया। 1937 में विनायक दामोदर सावरकर हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। अध्यक्ष स्थान पद पर रहते हुए अहमदाबाद में महासभा में सबसे पहले ‘टू नेशन थेयरी’ विनायक दामोदर सावरकर ने प्रस्तुत की थी। ये सभी संदर्भ उनकी रचनाओं में उपलब्ध हैं।
स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर ने 1923 में हिंदुत्व नामक पुस्तक लिखी थी। स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर वादी के दादा थे, इसलिए हिंदुत्व पुस्तक की प्रति वादी सत्यकी सावरकर बचाव पक्ष को देने हेतु अनुरोध एडवोकेट मिलिंद पवार ने एक आवेदन के माध्यम से किया है।
एडवोकेट मिलिंद पवार ने की अर्जी अदालत ने मंजूर कर ली और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी तथा अब इस पर 09/05/2025 को सुनवाई होगी।
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