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भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के समाज परिवर्तन के सपने को साकार करने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए :  राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के समाज परिवर्तन के सपने को साकार करने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए :  राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के समाज परिवर्तन के सपने को साकार करने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए :  राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के समाज परिवर्तन के सपने को साकार करने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने चैत्यभूमि पर भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

मुंबई, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134 वीं जयंती के अवसर पर राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने सभी से डॉ. आंबेडकर के समाज परिवर्तन और सामाजिक एवं आर्थिक समानता पर आधारित समाज के सपने को साकार करने के लिए प्रयास करने का आवाहन किया। वे चैत्यभूमि पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विधान परिषद के सभापति राम शिंदे, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशिष शेलार, मृद और जलसंवर्धन मंत्री संजय राठोड, मुख्य सचिव सुजाता सैनिक, मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त भूषण गगराणी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा, डॉ. बाबासाहेब को भारत के संविधान के शिल्पकार, महान समाज सुधारक और देशभक्त के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्होंने डॉ. आंबेडकर के लोकतंत्र, सामाजिक समानता और लिंग समानता के योगदान की सराहना की।

राज्यपाल महोदय ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब संविधान को अपना मार्गदर्शक माना था। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इंदू मिल में बनने वाला डॉ. आंबेडकर स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

भारत की एकता और संविधानिक मूल्यों का आधार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने रखा  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारत के संविधान के माध्यम से देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का अमूल्य कार्य भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने किया है। आज हम जो एकजुट भारत का अनुभव कर रहे हैं, वह डॉ. आंबेडकर के संविधान पर आधारित है। हम संविधान की 75वीं वर्षगांठ का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। डॉ. आंबेडकर ने देश में सामाजिक विषमता को चुनौती दी और समानता और बंधुत्व के मूल्य स्थापित करने का ऐतिहासिक कार्य किया। संविधान के माध्यम से उन्होंने प्रत्येक नागरिक को जीने का समान अधिकार, अवसरों की समानता और अपनी सपनों को साकार करने का विश्वास दिया, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस अवसर पर कहा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डॉ. आंबेडकर के कार्यों के कारण आज का आधुनिक भारत बना है, और उनके विचारों का पालन करते हुए संविधानिक मूल्यों के प्रति निष्ठा रखना ही उनकी जयंती कर सबसे सच्ची श्रद्धांजली होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत का संविधान मेरे लिए सर्वोच्च है। भारत के विकास और प्रगति की दिशा में संविधान की भूमिका महत्वपूर्ण है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान में शिक्षा, सामाजिक न्याय, औद्योगिक विकास और मानवाधिकारों का योगदान अमूल्य है। आधुनिक भारत की संरचना में उनका कार्य अतुलनीय है, जैसे पाटबंधारे योजनाएं, राष्ट्रीय विद्युत ग्रीड, कामकाजी अधिकारों की रक्षा, और अन्य महत्वपूर्ण नीतियों के शिल्पकार के रूप में उन्होंने देश को दीर्घकालिक दिशा दी।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के कार्य और विचारों का सम्मान करना और संविधानिक मूल्यों के प्रति निष्ठा रखते हुए समानता, बंधुत्व और न्याय को अपनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजली होगी।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका जनसंपर्क विभाग द्वारा डॉ. बाबासाहेब के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं की छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसे मान्यवरों ने देखा।

इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा सभी भिक्षुओं को चिवरदान दिया गया। मान्यवरों के हाथों अंधे विद्यार्थियों को उपहार भी दिए गए।

कार्यक्रम में भंते डॉ. राहुल बोधी महाथेरो, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस समन्वय समिति के सचिव नागसेन कांबले और दादर चैत्यभूमि स्मारक समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी मान्यवरों की उपस्थिति में त्रिशरण बुद्धवंदना का आयोजन किया गया। इसके बाद पुष्पहार अर्पित कर भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी गई। हेलिकॉप्टर से चैत्यभूमि पर पुष्पवृष्टि की गई।

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