पुणे जिले में अधिक से अधिक और विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों को लाने के लिए प्रशासन निश्चित रूप से प्रयास करेगा : विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार
पुणे जिले में अधिक से अधिक और विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों को लाने के लिए प्रशासन निश्चित रूप से प्रयास करेगा : विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार
टूलिंग उद्योगों के विकास के लिए क्लस्टर विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे : जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी
पुणे, मार्च (जिमाका)
राज्य में उद्योग अनुकूल माहौल बनाने हेतु राज्य सरकार की नीति है। पुणे जिले में अधिक से अधिक और विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों को लाने के लिए प्रशासन निश्चित रूप से प्रयास करेगा। यह आश्वाशन विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार ने दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विभिन्न प्रशासनिक विभाग सामूहिक दृष्टिकोण अपनाएं तथा उद्योगों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस प्रयास करें।
पुणे जिले के विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ उद्यमियों के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर सभागार में आयोजित बैठक में वे बोल रहे थे। यहां पुणे मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले, कोल्हापुर परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक सुनील फुलारी, जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी, पिंपरी चिंचवड शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वसंत परदेशी, पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख, पुणे विभाग के उद्योग सहसंचालक शैलेश राजपूत, जिला उद्योग केंद्र की महाव्यवस्थापक अर्चना कोठारी के साथ विभिन्न विभाग के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. पुलकुंडवार ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री की 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत राज्य में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए उद्योगों को हर संभव सहयोग और सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। इस उद्देश्य से उद्यमियों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के लिए हर दो माह में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों में उद्यमियों द्वारा उठाई गई समस्याओं व कठिनाइयों पर चर्चा की जा रही है तथा संबंधित विभाग अगली बैठक से पूर्व उन पर कार्रवाई करें।
उद्योगों को बिजली, पानी, सड़क आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम ने प्राथमिकता से उपलब्ध करानी चाहिए। इसके लिए प्रस्ताव अनुमोदन एवं वित्त पोषण के संबंध में शासनस्तर पर अनुमोदन के मुद्दों को सुलझाने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी। महावितरण को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए फीडर, सबस्टेशन, बिजली लाइनों आदि को अद्यतन करना चाहिए। औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण और मरम्मत में एमआईडीसी को तेजी लानी चाहिए। हम इन प्रस्तावों को स्वीकृत कराने का प्रयास करेंगे।
पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण, जिला परिषद और राजस्व विभाग को समन्वय से सड़कों पर से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अपने क्षेत्राधिकार में सड़कों का तत्काल डामरीकरण कर यातायात शुरू करना चाहिए। संबंधित प्राधिकारी सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त रखने तथा अच्छी स्थिति में रखने के लिए जिम्मेदार होंगे।
पुणे शहर के एकीकृत परिवहन योजना अनुमोदन चरण में है और अनुमोदन के बाद शीघ्र ही कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा। पुणे बाईपास सड़क के निर्माण कार्य में भी तेजी लाई गई है और इस सड़क को अगले दो वर्षों में पूरा करने का काम चल रहा है। यातायात के संदर्भ में अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान के लिए आवश्यक समय को ध्यान में रखते हुए, उद्योगों को यातायात की भीड़ से राहत प्रदान करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए।
जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने कहा कि छोटे औज़ार-निर्माण उद्योग बड़े उद्योगों के पूरक हैं और किसी भी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे बिखरे हुए हैं इसलिए उन्हें सुविधाएं प्रदान करने में आनेवाली समस्याओं का समाधान करने के लिए स्थान व अन्य सुविधाएं प्रदान करके उनके क्लस्टर विकसित करने और निजी क्षेत्र के उद्योगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
पुणे-मुंबई को देश का सबसे बड़ा औद्योगिक कॉरिडॉर बनाने के लिए प्रशासन प्रयास जारी रखेगा। इसके लिए उद्यमियों की समस्याओं के संबंध में नियमित बैठकें आयोजित करने तथा उनका त्वरित समाधान करने पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
श्री डूडी ने कहा कि महाराष्ट्र उद्योग, व्यापार और निवेश सुविधा (मैत्री 2.0) पोर्टल के माध्यम से एक ही मंच पर से उद्योगों को सभी परमिट और सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक प्रणाली बनाई गई है। पोर्टल में शामिल न किए गए उद्यमियों के विभिन्न विभागों से संबंधित मुद्दों, अनुमति संबंधी समस्या समाधान के लिए एमआईडीसी को प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में एकल खिड़की स्थापित करनी चाहिए। एकल खिड़की विभाग को उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय करना चाहिए।
मनपा आयुक्त डॉ. भोसले ने कहा कि एमआईडीसी के साथ-साथ उद्योगों को अपने क्षेत्रों में औद्योगिक आवासीय परिसर स्थापित करना चाहिए ताकि जनशक्ति से यात्रा का समय बचाया जा सके। कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए पहल करें। नगर निगम से संबंधित उद्योगों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक श्री देशमुख ने कहा कि उद्यमियों को यदि कोई समूह परेशान करने की कोशिश करता है तो उनकी पहचान गुप्त रखकर पुलिस विभाग उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है।
बैठक में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल, सार्वजनिक निर्माण विभाग, महावितरण, माथाडी श्रमिक मंडल, श्रम विभाग, पुलिस, जिला परिषद और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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