केला, अंजीर, आम, स्ट्रॉबेरी सहित तिलहनी फसलों की खेती का क्षेत्र बढ़ाने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी : जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी
केला, अंजीर, आम, स्ट्रॉबेरी सहित तिलहनी फसलों की खेती का क्षेत्र बढ़ाने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी : जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी
विभिन्न योजनाओं के एकीकरण और जिला योजना समिति से आवश्यक निधि देने का आश्वासन
पुणे, मार्च (जिमाका)
केला, अंजीर, आम, स्ट्रॉबेरी और तिलहन सूरजमुखी और करडई की खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने, निर्यात योग्य उपज प्राप्त करने, उत्पादन बढ़ाने और मूल्य संवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण की व्यवस्था करके निर्यात सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृषि विभाग को सभी घटकों को साथ लेकर व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए। यह निर्देश जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने दिए। इन सभी सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाओं को एकीकृत कर जिला योजना समिति से आवश्यक निधि उपलब्ध करायी जाएगी।
जिले के समग्र कृषि विकास योजना की तैयारी के लिए कृषि महाविद्यालय शिवाजीनगर में आयोजित समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी संजय काचोले, आत्मा के परियोजना संचालक सूरज मडके, कृषि महाविद्यालय के सहयोगी अधिष्ठाता तथा प्राचार्य डॉ. महानंद माने, पुणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चेयरमैन प्रा.दिगंबर दुर्गाडे, कृषि उपसंचालक एस. एस. विश्वासराव आदि के साथ उपविभागीय कृषि अधिकारी, तालुका कृषि अधिकारी, बारामती व नारायणगांव के कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी, किसान उत्पाद कंपनी, कृषि निर्यातदार कंपनियों के प्रतिनिधि और प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने कहा कि केले की फसल का जिले में क्षेत्रफल 1 हजार 600 हेक्टेयर है और इसे आगामी वर्ष में 3 हजार हेक्टेयर तक ले जाने और प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा जाना चाहिए। इसके लिए केले की खेती में रुचि रखनेवाले किसानों तक पहुंचना, उनके प्रशिक्षण का आयोजन करना, गुणवत्तापूर्ण पौध, पानी की व्यवस्था, मिट्टी का स्वास्थ्य, जैव आधारित उर्वरक, दवाएं आदि प्रविष्ठियां, कृषि मशीनीकरण के साथ-साथ फसल के अनुसार सर्वोत्तम उत्पादन के तरीके, रोपण से पहले, फसल से पहले और फसल के बाद की प्रक्रियाओं, तकनीकों, योजनाओं के बारे में जानकारी और वास्तविक किसानों को लाभ कैसे मिलेगा आदि को इस प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया जाना चाहिए। इसी प्रकार अंजीर, आम आदि पर भी ध्यान देना चाहिए।
किसान उत्पादक कंपनियों को केंद्र में रखकर उनके माध्यम से किसानों को लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया है। प्रशिक्षण की व्यवस्था आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के समन्वय से की जाए।
उन्होंने बताया कि किसान इन फसलों के अनुसार फसलवार दो दिवसीय प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्रों के स्थान पर 7 अप्रैल से आयोजित किया जाए। इसमें प्रशिक्षित किये जानेवाले किसानों में से कुछ किसानों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाए तथा उनके माध्यम से अन्य किसानों को उस फसल के अनुरूप प्रशिक्षित करने की योजना बनायी जाए। फसलों की खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए कृषि सहायकों को किसान उत्पादक कंपनियों और मौजूदा उत्पादक किसानों की मदद से अधिक से अधिक किसानों का चयन करने और उन्हें शामिल करने के लिए काम करना चाहिए।
केले और अन्य फसलों की गुणवत्तापूर्ण पौधे, खेतों के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से धन उपलब्ध कराया जाएगा। विदेशी बाजारों में निर्यात के लिए मांग, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया जाना है, इसलिए किसान उत्पादक कंपनियों को निर्यात सुविधा केन्द्रों के लिए आवश्यक शीतकरण, पैक हाउस, निर्यात के लिए प्रसंस्कृत कृषि वस्तुओं के परिवहन आदि की सुविधाएं निर्माण के लिए बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय व ग्रामीण परिवर्तन परियोजना तथा स्मार्ट, केंद्र सरकार की कृषि अवसंरचना निधि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना जैसी विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। इसके साथ ही जहां इन मामलों के लिए अधिक निधि की आवश्यकता होगी, वहां जिला योजना समिति से आवश्यक धनराशि उपलब्ध करायी जाएगी।
उत्पादित हुए कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जाएगा, इसकी योजना पहले से बनानी होगी। साथ ही निर्यात किए गए माल को स्थानीय बाजारों, मॉल, कंपनियों आदि में बेचने की व्यवस्था की जाएगी। किसानों को हम जो फसल ले रहे हैं, उसे निश्चित रूप से बाजार मूल्य मिलेगा, साथ ही उसकी बाजार में बिक्री होगी। ऐसी गारंटी देकर उनमें विश्वास निर्माण करने पर निश्चित रूप से इन फसलों की खेती की ओर किसान रुख करेंगे।
इस अवसर पर श्री डूडी ने उपस्थित किसान उत्पाद कंपनियों के प्रतिनिधि, निर्यातक, प्रगतिशील किसान, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी आदि को कई निर्देश दिए। किसान उत्पादक कंपनियों को आवश्यक सुविधाओं के लिए प्रस्ताव कृषि विभाग के पास देने हेतु निर्देश भी श्री डूडी ने दिए।
Post Comment