आदिवासी विकास मंत्री की पहल पर ‘संवाद चिमुकल्यांशी अभियान’ शुरू

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आदिवासी विकास मंत्री की पहल पर संवाद चिमुकल्यांशी अभियान’ शुरू

अधिकारियों के साथ आदिवासी विकास मंत्री आश्रमशालाओं में करेंगे एक दिन का प्रवास

मुंबई, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

राज्य सरकार ने आदिवासी समुदाय की शिक्षा और समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। आदिवासी छात्रों की शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को समझनेउनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए आदिवासी विकास मंत्री अशोक उइके की संकल्पना से संवाद चिमुकल्यांशी’ (छोटे बच्चों से संवाद) अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत 7 फरवरी 2025 को पूरे राज्य में सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं और छात्रावासों में विशेष निरीक्षण और संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

मंत्री अशोक उइके ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आदिवासी छात्रों के स्कूल जीवन में सुधार लाना और उनके साथ सीधा संवाद स्थापित करना है। राज्य में कुल 497 सरकारी आदिवासी आश्रमशालाएं कार्यरत हैंजहां हजारों छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन छात्रों के लिए कई योजनाएं लागू की जाती हैंलेकिन स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अन्य समस्याओं की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं। इन समस्याओं के समाधान और छात्रों की कठिनाइयों को समझने के लिए अधिकारियोंशिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के बीच संवाद आवश्यक है।

इस पहल के माध्यम से अधिकारी सीधे छात्रों से बातचीत करेंगे और उनके स्कूल जीवन की चुनौतियों को समझेंगे। इस अभियान के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं और छात्रावासों में रातभर रुकना होगा और छात्रों के साथ चर्चा करनी होगी। लड़कियों की आश्रमशालाओं के लिए महिला अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।

इस निरीक्षण में स्कूलों की विभिन्न सुविधाओं की जांच की जाएगीजिसमें शामिल हैं :

छात्रों की उपस्थिति और शिक्षकों का रिकॉर्ड

खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और भोजन व्यवस्था

पेयजल सुविधाएंआर.ओ. फिल्टर की स्थिति और गर्म पानी की उपलब्धता

शौचालयों की स्वच्छता और लड़कियों के लिए अलग स्नानगृह की व्यवस्था

छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय

इसके अलावाबुनियादी संरचनाओं और आवश्यक सुविधाओं की भी समीक्षा की जाएगीजैसे कि बिस्तरचादरेंतकिएबिजली की फिटिंगलाइटपंखेखिड़कियांसीसीटीवी कैमरे और अग्निशमन यंत्र।

लड़कियों के छात्रावासों में सुरक्षा संबंधी किसी भी शिकायत की समीक्षा की जाएगी। साथ हीसेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और आपातकालीन अलर्ट सिस्टम की उपलब्धता की भी जांच की जाएगी।

इस अभियान के दौरान अधिकारी सीधे फीडबैक देंगेजो निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित होगा :

भोजन की गुणवत्ता और टेट्रा पैक दूध की उपलब्धता

छात्रों के लिए पेयजल और आवासीय सुविधाओं की स्थिति

छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था

शिक्षकों की पढ़ाने की गुणवत्ता और पाठ्यक्रम की प्रभावशीलता

इस पहल से आदिवासी छात्रों को बेहतर स्कूल वातावरण और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। स्कूल से जुड़ी समस्याओं का समय पर समाधान होने से उनके शैक्षणिक अनुभव में सुधार होगा। सीधे संवाद के माध्यम से छात्रों की वास्तविक समस्याओं और भावनाओं को समझना अधिक प्रभावी होगा।

यह अभियान आदिवासी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावाइस प्रकार के निरीक्षणों से सरकार को सटीक जानकारी मिलेगीजिससे भविष्य की योजनाओं को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।

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