देश में ‘स्टार्टअप’ के लिए नयी नीति सबसे अधिक आधुनिक होगी : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुंबई, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
समय की मांग को देखते हुए स्टार्टअप नीति का नया मसौदा तैयार किया गया है। उद्यमियों को सुझाव के लिए यह मसौदा उपलब्ध कराया गया है और यह देश की एक आधुनिक नीति सिद्ध होगी। इसके माध्यम से राज्य में नवीन शहरों की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही सिडबी (स्मॉल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया) की ओर से स्टार्टअप के लिए 200 करोड़ रुपये और प्रत्येक क्षेत्रीय विभाग के लिए 30 करोड़ रुपयों का प्रावधान किये जाने की बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही।
बांद्रा-कुर्ला संकुल में जिओ वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार विभागों के अंतर्गत राज्य नाविन्यता सोसायटी की ओर से एम्पॉवरिग इनोवेशन, एलिवेटिंग महाराष्ट्र (एािेुशीळपस खपर्पेींरींळेप, एश्रर्शींरींळपस चरहरीरीहीींर) इस परिकल्पना पर आधारित ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री श्री फडणवीस के हाथों बुद्धिमत्ता (अख) तकनीक के माध्यम से दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
कार्यक्रम में कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार मंत्री मंगलप्रभात लोढा, कौशल्य विकास विभाग के सचिव गणेश पाटिल, आयुक्त प्रदीपकुमार डांगे, व्यवसाय शिक्षण प्रशिक्षण निदेशालय के निदेशक सतीश सूर्यवंशी, मेरीको लिमिटेड के अध्यक्ष हर्ष मारीवाला, अपग्रेड एंड स्वदेस फाउंडेशन के सहसंस्थापक रॉनी स्क्रूवाला, नायका की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी फाल्गुनी नायर, स्ट्राइड व्हेंचर्स तथा स्ट्राइडवन के संस्थापक इशप्रीत सिंह गांधी, आईआईटी के पूर्व विद्यार्थी कल्याण चक्रवर्ती, गो इंडिया की व्यवस्थापकीय निदेशक इप्सिता दासगुप्ता, महाराष्ट्र सहित देशभर के तंत्रज्ञान, कृषि, सेवा क्षेत्र, औषधि निर्माण तथा पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के एक हजार स्टार्टअप इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि नये उद्यमियों और महिला उद्यमियों के नवाचार को सक्षम करके महाराष्ट्र की उन्नति की जायेगी। जब देश में स्टार्टअप शुरू हुए थे, उस समय 471 स्टार्टअप्स थे। आज देश में एक लाख 57 हजार स्टार्टअप हैं। राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के अवसर पर यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि महाराष्ट्र केवल भारत की स्टार्टअप क्रांति में भागीदार ही नहीं है, अपितु इसका नेतृत्व भी कर रहा है। राज्य में 26 हजार स्टार्टअप्स हैं। महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य है जहाँ सबसे अधिक महिला निदेशक हैं। स्टार्टअप्स में महाराष्ट्र शीर्ष सात राज्यों में शामिल है।
उद्यमी, दूरदर्शी निवेशक, निति निर्धारक, इन्क्युबेटर्स, विश्वविद्यालय ये सभी उद्योग क्षेत्र में परिवर्तन के प्रणेता हैं। ‘ईज ऑफ डूईंग’ बिजनेस के चलते उद्योग कम समय में शुरू करने में पारदर्शिकता आयी है। निवेश के मामले में महाराष्ट्र देश में अव्वल है। भविष्य में मानवीय हस्तक्षेप न रखते हुए पारदर्शक पद्धति से उद्यमियों को राज्य में सरकार के साथ उद्योग शुरू करने का अवसर उपलब्ध किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि पूंजी भागीदारी की दृष्टि से मुंबई अग्रणी है, जबकि पुणे प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र है। हमारे टियर-2 और टियर-3 शहर महाराष्ट्र के विकास में बहुत योगदान कर रहे हैं। नासिक, नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर और कोल्हापुर शहर स्टार्टअप को प्रोत्साहन दे रहे हैं और एक ईकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय और इन्क्युबेटर्स वे संस्थान हैं जो महाराष्ट्र के इनोवेटिव स्टार्टअप को मजबूत कर रहे हैं। उद्यमियों को सलाह, नेटवर्किंग, कानूनी सहायता आदि जैसी सेवाएं प्रदान करने वाले इनक्यूबेटर्स को स्टार्टअप शुरू करने के लिए सहयोग दिया जायेगा, जिससे उद्योग में ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी, जिनके पास कोई नवकल्पना होगी। सरकारी और निजी विश्वविद्यालय भविष्य के स्टार्टअप को सक्षम बनाने वाले संस्थान हैं। मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं इनक्यूबेटर्स रोजगार सृजन करने वाले संस्थान हैं। ‘एआई’ स्टार्टअप को सशक्त बनाकर उत्कृष्टता केंद्र बनायेगा। एआई प्रौद्योगिकी का भविष्य है और स्टार्टअप में इसका बड़ा योगदान सिद्ध होगा। इससे केवल उद्योग के अवसर ही पैदा नहीं होंगे बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने उपस्थित उद्यमियों का आवाहन करते हुए कहा कि राज्य को स्टार्टअप में अग्रणी बनाने के लिए वे राज्य सरकार के साथ काम करें।
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