स्कूली शिक्षा में महाराष्ट्र बनेगा अग्रणी : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

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विविध विभागांच्या १०० दिवसांच्या आराखड्याचे सादरीकरण 4

स्कूली शिक्षा में महाराष्ट्र बनेगा अग्रणी : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
स्कूल शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्य योजना का हुआ प्रस्तुतीकरण
अमृत महोत्सव वर्ष में संवैधानिक मूल्यों पर विशेष ध्यान

मुंबई, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के स्कूली शिक्षकों की उत्कृष्ट क्षमता पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों की गुणवत्ता को प्रोत्साहित कर सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस शक्ति के बल पर महाराष्ट्र स्कूली शिक्षा में निश्चित रूप से अग्रणी रहेगा। संविधान के अमृत महोत्सवी वर्ष के अवसर पर छात्रों को संवैधानिक मूल्यों की शिक्षा देने पर विशेष जोर देने का निर्देश भी उन्होंने दिया।

आगामी 100 दिनों में किए जाने वाले कार्यों और उपायों की योजना पर मुख्यमंत्री श्री फडणवीस की अध्यक्षता में स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक में चर्चा की गई। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे, पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई, विपणन मंत्री जयकुमार रावल, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्र सिंहराजे भोसले, राज्य मंत्री इंद्रनील नाईक, मेघना साकोरे बोर्डीकर, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रणजीत सिंह देओल, शिक्षा आयुक्त सचिन प्रताप सिंह सहित विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि सरकारी स्कूलों के छात्रों में असीम प्रतिभा है। उन्हें तैयार करने वाले उत्कृष्ट शिक्षक हमारी बड़ी संपत्ति हैं, उनका अन्य लोगों के लिए आदर्श के रूप में उपयोग करें। समय-समय पर उपयोगी स्कूल, शिक्षक और छात्रों की जानकारी के लिए स्कूल और शिक्षकों का समय बर्बाद न हो, इसलिए यह जानकारी डिजिटल रूप में एकत्रित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा का पंजीकरण कर उन्हें न्यूनतम आवश्यक मानकों के बारे में बताकर प्रमाण पत्र दें। अभिभावकों का विश्वास बनाए रखने के लिए यह प्रमाण पत्र दृश्य स्थान पर लगाना अनिवार्य होना चाहिए।

छात्राओं को साइकिल वितरण करने से उनकी स्कूल उपस्थिति में वृद्धि सिद्ध हुई है। यह योजना जारी रहनी चाहिए, ऐसा कहते हुए मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि छात्रों के स्कूल के पहले दिन स्वागत करें। इसके लिए सभी मंत्री, सचिव सहित गणमान्य व्यक्तियों को पहले दिन स्कूल जाने के लिए सूचित करें।

प्रमुख पहलें :
-सभी स्कूलों में राज्य गीत अनिवार्य तथा मराठी भाषा का प्रभावी क्रियान्वयन।
-राष्ट्रीय शैक्षिक नीति की संरचना लागू करने के लिए सभी स्कूल/आंगनवाड़ी केंद्रों का जियो टैगिंग।
-राज्य पाठ्यक्रम ढांचा 2025-26 से लागू।
-पीएम श्री स्कूल योजना की तर्ज पर प्रत्येक क्लस्टर में एक स्कूल का सीएम श्री स्कूल के रूप में विकास।
-सभी छात्रों के आधार नंबरों का सत्यापन।
-स्कूल प्रबंधन समिति का पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण।
-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में तेजी।

स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि उच्च शिक्षा में मराठी माध्यम के स्कूलों के छात्र उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। स्कूलों में उत्कृष्ट भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निधि का उचित उपयोग किया जाएगा।

दीर्घकालिक उपायों के तहत ईंट भट्ठों पर काम करने वाले, गन्ना कटाई करने वाले मजदूरों तथा कृषि श्रमिकों के स्कूल से बाहर बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने की योजना बनाई जाएगी। संस्था प्रमुखों और शिक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा से निकले सकारात्मक निष्कर्षों को अपनाकर काम किया जाएगा।

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