June 19, 2025

नोबल हॉस्पिटल में महाराष्ट्र में पहला एसएसआई मंत्रा 3 रोबोटिक प्रणाली स्थापित

0
Noble Hospital

नोबल हॉस्पिटल में महाराष्ट्र में पहला एसएसआई मंत्रा 3 रोबोटिक प्रणाली स्थापित

हड़पसर, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र का पहला एसएसआई मंत्रा 3 रोबोटिक प्रणाली नोबल हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च सेंटर में स्थापित की गई है। यह एक उन्नत नवीन प्रणाली है, जिसका उद्देश्य शल्य चिकित्सा के दौरान सटीकता और दक्षता में सुधार करना है। इस प्रणाली का उद्घाटन प्रसिद्ध मराठी अभिनेता प्रसाद ओक के शुभ हाथों किया गया।

इस अवसर पर यहां नोबल हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. दिलीप माने, कार्यकारी निदेशक डॉ. एच.के. साले, मगरपट्टा टाउनशिप डेवलपमेंट के अध्यक्ष सतीश मगर, निदेशक डॉ. मंगेश लिंगायत, डॉ. दिविज माने, शल्यचिकित्सक डॉ. उमेश पप्रुनिया, कैंसर विशेषज्ञ (आँकोसर्जन) डॉ. आशीष पोखरकर एवं चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे।

इस एसएसआई मंत्रा रोबोटिक प्रणाली में रोबोटिक शल्य चिकित्सा में नवीन तकनीकों को शामिल किया गया है, जिसमें पांच आटोपशीर रोबोटिक आर्म्स, शल्य चिकित्सकों के लिए अद्वितीय प्रतिमा प्रदान करनेवाला इमर्सिव 3डी एचडी हेडसेट, पूरी सर्जिकल टीम के लिए 3डी 4घ इमेजिंग प्रदान करनेवाला विज़न कार्ट का समावेश है।

मुख्य अतिथि व अभिनेता प्रसाद ओक ने कहा कि मैं इस रोबोटिक तकनीक से आश्चर्यचकित हुआ हूं। कॉलेज में रहते हुए 90 के दशक में रोबोट डांस का चलन था। उसके बाद रजनीकांत की आई फिल्म रोबोट और अब चिकित्सा क्षेत्र में रोबोटिक प्रणाली के बाद तकनीकी का सफर चौंका देनेवाला रहा है। मैंने वास्तव में इस प्रणाली को देखा और अनुभव किया है, इसकी अशुद्धि के कारण डॉक्टर के काम को आसान बनाती है और जब डॉक्टर का काम आसान होता है, तो मरीज के दिमाग पर बोझ कम हो जाता है। इस तकनीक को विकसित कर डॉक्टर बड़ा योगदान दे रहे हैं।

नोबल हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च सेंटर के ऑन्कोसर्जन डॉ. आशीष पोखरकर ने कहा कि यह रोबोटिक प्रणाली सर्जिकल तकनीक के एक नए युग की शुरुआत है। इस रोबोटिक प्रणाली का उपयोग सामान्य सर्जरी, हृदय और छाती गुहा विकार (कार्डियोथोरेसिक), किडनी विकार, स्त्री रोग और कई अन्य जटिल सर्जरी सहित रोगियों के लिए जीवन रक्षक प्रक्रिया के रूप में होगा। हमने हाल ही में इस प्रणाली का उपयोग करके अपनी पहली सर्जरी सफलतापूर्वक करके एक महत्वपूर्ण चरण हासिल किया है। इस शल्यक्रिया में कोलन कार्सिनोमा (बड़ी आंत या मलाशय में शुरू होनेवाला कैंसर) से पीड़ित मरीज पर रोबोटिक राइट एक्सटेंडेड हेमिकोलेक्टॉमी प्रक्रिया की गई।

नोबल अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ.एच.के. साले ने कहा कि यह तकनीक छोटे उपकरणों से भी उंगलियों के आकार जितना छोटा चीरा लगाकर मरीज की उपचार प्रक्रिया को तेज कर सकती है। लेप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी की तुलना में इन छोटे उपकरणों में गति की बेहतर सीमा होती है।

नोबल हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. दिलीप माने ने कहा कि रोबोटिक प्रणाली निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने के हमारे प्रयासों का हिस्सा है। यह रोबोटिक प्रणाली नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और उपचार के परिणामों और रोगी अनुभव को बेहतर बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।

नोबल हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. दिविज माने ने कहा कि पिछले साल नोबल अस्पताल जेसीआई सील प्रमाणन प्राप्त करनेवाला पुणे का पहला अस्पताल बन गया, जिसे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सर्वोच्च पदनाम माना जाता है। इस वर्ष न्यूनतम चीरे का उपयोग करके दर्द रहित तरीके से रोगियों के इलाज के लिए अद्यतन ह्यूमन मिल्क बैंक और अब एक रोबोटिक प्रणाली लागू की गई है। हमारा उद्देश्य नवीन तकनीकों को अपनाना है जो स्वास्थ्य देखभाल में लगातार उच्च गुणवत्ता बनाए रखते हुए डॉक्टरों की मदद करेगी और मरीजों को लाभ पहुंचाएगी।

नोबल हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. दिलीप माने ने कहा कि मैं डॉक्टरों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों को बधाई देता हूं जो मरीजों के देखभाल में उत्कृष्टता और बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए समर्पित हैं।

Share this content:

About The Author

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *