ई-हक़ प्रणाली का उपयोग करने हेतु जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी द्वारा अपील
ई-हक़ प्रणाली का उपयोग करने हेतु जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी द्वारा अपील
पुणे, जनवरी (जिमाका)
ई-संशोधन प्रणाली को पूरक (सार्वजनिक डेटा प्रविष्टि) का उपयोग करके वारिस पंजीकरण, सात-बारह पर स्वीकारोक्ति पंजीकरण, मृत व्यक्तियों के नामों को हटाना, कटौती के रूप में आदि विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। नागरिकों ने इस प्रणाली का उपयोग करना चाहिए। यह अपील जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने की है।
जिलाधिकारी कार्यालय में बुधवार (दि. 8) आयोजित जिले के राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ई-हक प्रणाली से किए गए सभी आवेदन तलाठी को ई-संशोधन में लेकर (फेच करके) संशोधनों में परिवर्तित किया जा सकता है। ई-हक प्रणाली का उपयोग करने के लिए प्रणाली की हीींिीं://विशळसी.ारहरीरीहीींर.र्सेीं.ळप वेबसाइट पर नागरिक, सहकारी संस्थाओं को पंजीकरण करना होगा।
पंजीकरण के बाद आवेदक को वारिस प्रविष्टि, भार दाखिल करना, भार कम करना, स्वीकारोक्ति प्रविष्टियां, मृतक के नाम कम करना, विलेख भार प्रविष्टियां, अकुमा. कम करना, ट्रस्टियों के नाम में कमी, धारा 155 के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किये जा सकते हैं।
इस प्रणाली पर नागरिक, सहकारी संस्था ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से घर बैठे आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर ग्राम राजस्व अधिकारियों को भेज सकते हैं। इसके लिए ग्राम राजस्व अधिकारी के कार्यालय में जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसमें नागरिक स्वयं या महा ई-सेवा केंद्र के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। इस प्रणाली के उपयोग से ग्राम राजस्व अधिकारियों के परिवर्तन में आसानी होगी और राजस्व प्रशासन के कामकाज में गतिशीलता और पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी।
जिले के सभी नागरिकों को अब से उपरोक्त अभिलेखों के लिए ई-हक़ प्रणाली के माध्यम से आवेदन करना होगा। उक्त सुविधा का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए नागरिकों से अपील श्री डूडी ने इस अवसर पर की।
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