विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय लोकतंत्र दिवस में नौ मामलों पर सुनवाई

विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय लोकतंत्र दिवस में नौ मामलों पर सुनवाई

विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय लोकतंत्र दिवस में नौ मामलों पर सुनवाई

विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय लोक अदालत में नौ मामलों पर सुनवाई

पुणे, दिसंबर (जिमाका)
विभाग में आम जनता की शिकायतों, कठिनाइयों का सरकारी यंत्रणाओं द्वारा न्याय एवं तत्परता से समाधान करने के लिए विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार की अध्यक्षता में आयोजित लोक अदालत के दौरान नौ मामलों की सुनवाई की गई। जिलास्तरीय लोक अदालत में निस्तारित प्रकरणों को विभागीय लोक अदालत में प्रस्तुत कर समय एवं धन की बर्बादी से बचना चाहिए। यह अपील डॉ. पुलकुंडवार ने इस अवसर पर शिकायतकर्ताओं से की।
कोल्हापुर परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुनिल फुलारी, अपर आयुक्त वर्षा लड्डा ऊंटवाल, उपायुक्त समीक्षा चंद्रकार के साथ विभिन्न विभागों के विभागस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

नागरिकों की शिकायतों पर निर्णय लेने के लिए प्रत्येक माह के दूसरे सोमवार को विभागीय आयुक्त कार्यालय में विभागीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। नागरिकों ने गलत तरीके से आवेदन कर सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग करने से बचना चाहिए और प्रशासन को विभागीय लोक अदालत के दौरान दर्ज मामलों की सुनवाई कर दिए गए आदेशों का सख्ती से और तत्परता से पालन करना चाहिए और शिकायतों का त्वरित समाधान करना चाहिए। यह निर्देश विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने दिए।
डॉ. पुलकुंडवार ने कहा कि जिलास्तर पर समस्याओं के समाधान के लिए नागरिकों को विभागीय लोक अदालत में आना पड़ता है, यह ठीक नहीं है और जिला प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।

जिलास्तरीय लोक अदालत में शिकायत का निवारण न होनेवाले लंबित चार और नए दायर हुए पांच मामलों पर इस समय डॉ. पुलकुंडवार ने आवेदकों को अपनी बात रखने का अवसर दिया और सुनवाई की।
इस समय पुणे जिले में चार, सातारा जिले में एक, सोलापुर दो, कोल्हापुर जिले में दो मामलों पर सार्वजनिक सरकारी जमीन पर छत, झोपड़ियां, गौशाला बनाकर कब्जा किये गये रास्ते को बंद करने के बारे में, पुनर्वास भूखंडों पर कब्जा करने के मामले, भूमि अधिग्रहण के लिए ली गई भूमि के अतिरिक्त क्षेत्रफल पर कब्जा मिलने के बारे में, उजनी परियोजना के पीड़ितों को परिवारों की संख्या के अनुसार अतिरिक्त वैकल्पिक भूखंडों की मंजूरी, अवैध गिरफ्तारी, अस्थायी रेखांकन मंजूरी के बारे में, अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई होने के बारे में, पुनर्वास ग्राम में पानी की टंकी न हटाने तथा उसके अवशेष न हटाने के संबंध में भी एफ.आई.आर. पंजीकरण संबंधी शिकायतों पर लोक अदालत में निपटारा किया जाए आदि शिकायतों पर भी सुनवाई की गई।

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