पुणे में बाल आनंद मेला संपन्न
पुणे में बाल आनंद मेला संपन्न
दिव्यांग विद्यार्थियों को उनकी अंतर्निहित प्रतिभा को पहचान कर प्रोत्साहित करना चाहिए : दिव्यांग कल्याण आयुक्त प्रवीण पुरी
पुणे, दिसंबर (जिमाका)
शिक्षकों को दिव्यांग विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें उस क्षेत्र में प्रोत्साहित कर सफल प्रगति के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए। यह अपील दिव्यांग कल्याण विभाग के आयुक्त प्रवीण पुरी ने की है।
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिला परिषद द्वारा आयोजित बाल आनंद मेले के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रहे थे। इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष पाटिल, जिला परिषद के जिला समाज कल्याण अधिकारी राधाकिसन देवढे, समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त विशाल लोंढे आदि उपस्थित थे।
श्री पुरी ने कहा कि सरकारी एवं सरकारी प्रतिष्ठानों में आरक्षित 4 प्रतिशत सीटों पर दिव्यांग अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने के साथ ही सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सरकारी यंत्रणाओं को प्रयास करना चाहिए।
श्री पाटिल ने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर विद्यार्थियों के कौशल एवं गुणों पर नजर डालें तो वे सामान्य से अधिक औसत से कम नहीं हैं। सभी विकलांग छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना चाहिए।
श्री देवढे ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के महत्व, जिले में दिव्यांगजनों के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं, दिव्यांगजनों के लिए सरकारी स्तर से क्रियान्वित योजनाओं आदि के बारे में जानकारी दी गई।

इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों के विशेष विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा शहनाई वादन, गणेश वंदना एवं मल्लखंब प्रदर्शन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी। इस अवसर पर चित्रकला, एबिलिक्स, कला, संगीत एवं खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करनेवाले 41 सफल दिव्यांग विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
बाल आनंद मेले में जिले के 81 विकलांगों के विशेष विद्यालयों एवं कार्यशालाओं के 3 हजार 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
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